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Published : Jul 16, 2022, 11:05 PM IST

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महिला IAS ने CM शिवराज के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर लगाया आरोप, मुझे गेटआउट कहकर जलील किया, व्हाट्सएप चैट हुई वायरल

मध्यप्रदेश की 2011 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या ने महिला आईएएस अधिकारी के व्हाट्सएप ग्रुप पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनीष रस्तोगी (Principal Secretary Manish Rastogi) पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. (Woman IAS accuses CM Shivraj Chief Secretary)

Principal Secretary Manish Rastogi
महिला आईएएस नेहा मारव्या

भोपाल।प्रदेश में आईएएस अधिकारी अपनी चैट वायरल होने की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. ताजा मामला मध्यप्रदेश कैडर की 2011 बैच की आईएएस नेहा मारव्या का है. नेहा मारव्या की व्हाट्सएप चैट को लेकर ये मामले ने तूल पकड़ लिया है. मध्यप्रदेश कैडर की IAS अफसर नेहा मारव्या व्हाट्सएप पोस्ट के बाद फिर विवादों में आ गई हैं. इस बार उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. नेहा मारव्या ने महिला IAS के वॉट्सऐप ग्रुप पर पोस्ट शेयर करते हुए अपने साथ हुए व्यवहार के बारे में बताया है. (Woman IAS accuses CM Shivraj Chief Secretary)

नेहा ने बताई आपबीती: नेहा मारव्या ने व्हाट्सएप चैट पर लिखा, "ये पहला मौका है जब इस ग्रुप में मैं अपनी बात शेयर कर रही हूं. यदि मैंने अब भी शेयर नहीं किया और चुप रही तो महिला, आईएएस और एक इंसान होने के नाते शर्म आएगी. यह ग्रुप महिला आईएएस अधिकारियों का है. इस वजह से वे मुझे अच्छे से गाइड कर सकेंगी और मेरी मदद भी कर सकेंगी. मैं मनरेगा में एडिशनल सीईओ के तौर पर पदस्थ थी. मैं 4 जुलाई से 7 जुलाई तक अवकाश पर थी. 7 जुलाई की शाम को मुझे सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव की ओर से कॉल आया कि मेरा तबादला राजस्व विभाग में उप सचिव के तौर पर कर दिया है. इसके बाद 8 जुलाई को मैं मनरेगा से रिलीव होने पहुंच गई. वहां से प्रक्रिया पूरी कर वल्लभ भवन पहुंच गई. (MP IAS Officer Neha Marvya Controversy)

अपने साथ हुए बदसलूकी का नेहा ने किया खुलासा: जब मैं मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी (Principal Secretary Manish Rastogi) के चैंबर में गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके चैंबर में नहीं आ सकती हूं. उनके पास मुझे देने के लिए कोई काम भी नहीं है. मैंने तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा है. अब मैं तुम्हें देखता हूं. मैंने जब उनसे अपनी गलती पूछी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. फिर मुझसे कहा कि मुझे बोलने का कोई हक नहीं है. फिर मैंने उनसे निवेदन किया कि मनरेगा के वाहन से मैं आई थी वो मैनें वापस कर दिया है. लिहाजा, मुझे किसी वाहन से घर भिजवा दें तो उन्होंने वाहन देने से इन्कार कर दिया. जब मैंने उनसे पूछा कि मैं घर कैसे जाउंगी तो उन्होंने बोला कि स्टाफ से पूछ लो कि वो लोग वल्लभ भवन से घर कैसे जाते हैं. इसके बाद उन्होनें अपने पीए को बुलाकर मुझे उसके सामने जलील करते हुए मुझे गेट आउट कहा. इसके बाद उप सचिव ने मेरे लिए वाहन उपलब्ध कराने की कोशिश तो प्रमुख सचिव ने उसे भी फटकार लगाकर ऐसा करने से रोक दिया. अब मुझे क्या इस मामले में चुप रहना चाहिए? (Principal Secretary to Chief Minister Manish Rastogi)

प्रताड़ित करने के लिए बढ़ाई पोस्ट:जब पीएस के पास मेरे लिए कोई काम नहीं था तो उन्होंने मुझे अपने अंडर में क्यों बुलवाया? क्या उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए रखा है? राजस्व विभाग में मेेरी कोई कॉल रिसीव नहीं कर रहा है. न कोई मैसेज के जवाब दे रहा है और न कोई वाहन दिया गया है. वल्लभ भवन के सुरक्षा गार्ड मुझे घर छोड़ने जा रहे हैं. मेरे पास अब कहने के लिए कुछ नहीं बचा है. बहुत दुखद है."

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नेहा मारव्या कैसे हुई फेमस? मारव्या तब चर्चा में आई थीं, जब शिवपुरी के अपर कलेक्टर के रूप में उन्होंने स्थानीय मंत्री यशोधराराजे सिंधिया को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था. वह तत्कालीन कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव द्वारा इस्तेमाल की जा रही किराए की कार के लिए भुगतान जारी करने से इनकार करने के लिए भी चर्चा में थीं. उनके खिलाफ शिकायतों की बाढ़ के बाद, उन्हें मंत्रालय में उप सचिव के रूप में लूप-लाइन में रखा गया था. हालांकि, अपनी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं किया, जिसके कारण उनके तबादले होते रहे. इसकी वजह से नेहा मारव्या के 11 साल की नौकरी में उनकी 9 बार ट्रांसफर हो चुके हैं.

समर्थन में आई रिटायर्ड IAS अधिकारी: मारव्या के पोस्ट करने के बाद रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी भी उनके समर्थन में आ गईं हैं. उन्होंने लिखा कि तुम सही के लिए लड़ाई लड़ो, मैं तुम्हारे साथ हूं. वहीं, इस मामले में एक अन्य महिला IAS अधिकारी ने लिखा कि इस तरह सोशल मीडिया ग्रुप में यह सब बातें लिखना सही नहीं है.

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