तिरुवनंतपुरम (केरल): महिला आईएएस अधिकारी (Female IAS Officer) का एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने बच्चे को साथ लेकर आना और उसे गोद में लेकर लोगों को संबोधित करना सही है या नहीं, इसे लेकर आजकल केरल में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों के बीच बहस छिड़ी हुई है. दरअसल केरल (Kerala) के पथनमथिट्टा की जिलाधिकारी दिव्या एस. अय्यर एक निजी फिल्म महोत्सव के पुरस्कार वितरण समारोह में अपने साढ़े तीन साल के बेटे को लेकर पहुंचीं और उसका हाथ पकड़े हुए ही भाषण दिया.
एक ओर जहां अय्यर के आलोचकों का कहना है कि यह उचित नहीं है, वहीं आईएएस अधिकारी (Woman Collector) के पति सहित उनका समर्थन करने वालों का कहना है कि एक महिला तमाम भूमिकाओं में होती है और उसे पूरा अधिकार है कि वह अपने बच्चे के साथ वक्त बिताए. 'इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ अडूर' के 6वें संस्करण के आयोजकों में से एक केरल विधानसभा के उपाध्यक्ष चिट्टायम गोपकुमार ने तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव के अंतिम दिन, 30 अक्टूबर को अय्यर के अपने बेटे के साथ कार्यक्रम में शामिल होने का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर डाला, जिसके बाद यह बहस शुरू हुई है.
हालांकि, बाद में गोपकुमार ने अपने फेसबुक पेज से वीडियो डिलीट कर दिया. वीडियो में जिलाधिकारी अय्यर को अपने बेटे के साथ मंच पर बैठे, उसे प्यार से गले लगाते और बाद में भाषण देने के लिए खड़े होने से पहले उससे प्यार से बातें करते हुए देखा जा सकता था. बड़ी संख्या में लोग जहां अय्यर की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि उच्चाधिकारी के लिए यह व्यवहार उचित नहीं है, वहीं तमाम अन्य लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं.
जिलाधिकारी का समर्थन करने वाले लोग न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डन का उदाहरण दे रहे हैं, जो 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने अपनी तीन महीने की बेटी के साथ पहुंची थीं और भाषण के दौरान उनके पार्टनर ने बेटी को गोद में लिया हुआ था. इस घटना को लेकर अय्यर की बहुत आलोचना होने के बाद उनके पति पूर्व विधायक व केरल में युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष के. एस. सबरीनाधन ने अपनी पत्नी का बचाव करते हुए कहा कि वह बेटे को अपने साथ लेकर इसलिए गयी थीं, क्योंकि उस दिन छुट्टी थी और वह कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं था.