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S-500 ऑफर के साथ रूस की नजरें भारत-अमेरिका संबंधों पर - india and russia

एस- 400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सौदे(S-400 Air Defense Missile System Deals) को लेकर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे के बीच रूस की नजरें उन देशों पर हैं जिनके पास अमेरिका का मुकाबला करने के साधन और साहस हैं. क्योंकि रूस उन्नत S-500 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को बेचने के लिए किसी ऐसे देश की तलाश में हैं. पढ़ें संजीब बरुआ की रिपोर्ट-

With S-500 offer, Russia eyes cracks in India-US ties
अमेरिकी प्रतिबंध के बीच रूस को भारत से S-500 से सौदा किये जाने उम्मीद

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Published : Dec 15, 2021, 7:29 PM IST

नई दिल्ली: एस- 400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खरीद के बाद भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे के बीच रूस की नजरें उन देशों पर है जिसके पास अमेरिका का मुकाबला करने के साधन और साहस है. क्योंकि रूस उन्नत S-500 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को बेचने के लिए किसी ऐसे देश की तलाश में हैं. ज्ञात हो कि अमेरिका चीन को 2018 में और तुर्की को 2020 में प्रतिबंधित किया था.

रूस ने एक बार दुनिया के सबसे अधिक एडवांस माने जाने वाले S-500 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को बेचने के लिए प्रस्ताव रखा है. रूस ने भारत को अमेरिकी प्रतिबंध को नजरअंदाज कर डील को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है जिसका लाभ उसे मिलेगा.

रूसी उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने सोमवार को सरकारी टीवी चैनल को दिये गये बयान में कहा कि देश के सबसे उन्नत एस -500 'प्रोमेटी' एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम को भारत को बेचने के लिए प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा, 'एक बार जब हम इस रक्षा प्रणाली से अपने सैनिकों को लैस कर देंगे, तो उसके बाद भारत सूची में सबसे पहले होगा. अगर वह इन उन्नत हथियारों को खरीदने की इच्छा व्यक्त करता है.'

दिलचस्प बात यह है कि नवंबर में, सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए रूस की संघीय सेवा के निदेशक दिमित्री शुगायेव ने कहा था, 'इस नवीनतम प्रणाली (एस-500) के संभावित खरीदारों के रूप में हम भारत के साथ-साथ चीन और उन सभी देशों पर विचार कर रहे हैं जिनके साथ हमारे लंबे समय से संबंध अच्छे रहे हैं और साझेदार हैं.'

उन्होंने कहा, 'भारत के साथ हमारा S-400 का सौदा तय हो चुका है. इसकी पहली खेप इस साल के अंत तक मिल जाएगी. इसलिए यह काफी तार्किक है कि वे निकट भविष्य में अपनी रुचि दिखाएंगे और हमसे एस-500 के लिए भी अनुरोध करेंगे.' उन्होंने कहा, 'एस -500 प्रणाली इस साल ही रूसी सेना को दी जाने की उम्मीद है. इसका अच्छे से निर्यात 2030 तक से हो सकता है.'

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भारत को उन्नत रक्षा प्रणाली बेचने की रूस की उत्सुकता इसलिए भी है क्योंकि भारत द्वारा अब और अधिक उन्नत रूसी सैन्य उपकरणों के खरीदे जाने पर भारत-अमेरिका संबंधों में दरार आने की संभावना है.

अब तक, अमेरिका ने रूस से S-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए भारत के लिए काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act, CAATSA) के तहत प्रतिबंधों को हटाया नहीं है.

अमेरिकी छूट इस तथ्य को देखते हुए भी मुश्किल है कि इसने नाटो के प्रमुख सहयोगी तुर्की को भी नहीं बख्शा था. तुर्की ने भी रूसी एस- 400 खरीदा था. भारत और तुर्की के अलावा, चीन ने भी शक्तिशाली S-400 प्रणाली को खरीद लिया है और यहां तक कि इसे तैनात भी कर दिया है और खुले तौर पर अमेरिका को आंख दिखाई है. अमेरिका ने चीन को 2018 में और तुर्की को 2020 में प्रतिबंधित किया था.

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