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अब चीन के रक्षा मंत्री भी लोगों की नजरों से हो गए ओझल, आखिर चीन में हो क्या रहा है? - WHAT HAPPENING IN CHINA

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू 29 अगस्त के बाद से सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए हैं. यह मामला पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग के कुछ महीने पहले जनता की नजरों से ओझल होने और उसके बाद उनकी बर्खास्तगी के ठीक बाद आया है. अरुणिम भुइयां की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 16, 2023, 7:25 PM IST

नई दिल्ली: चीन के तत्कालीन विदेश मंत्री किन गैंग कुछ महीने पहले से लोगों की नजरों से दूर हो गए थे तब उनकी जगह वांग यी ने ले ली थी. वहीं अब चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू भी एक पखवाड़े से अधिक समय से लोगों की नजरों से गायब हैं. दो सप्ताह से अधिक समय से सार्वजनिक रूप से ली की अनुपस्थिति को सबसे पहले जापान में अमेरिकी राजदूत रहम एमानुएल ने एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर शुक्रवार को शेक्सपियर के उद्धरण के साथ चिह्नित किया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि जैसा कि शेक्सपियर ने हेमलेट में लिखा था कि डेनमार्क के राज्य में कुछ सड़ा हुआ है. पहला रक्षा मंत्री ली शांगफू को 3 सप्ताह से देखा या सुना नहीं गया है वहीं दूसरा वह अपनी वियतनाम यात्रा के लिए उपस्थित नहीं थे. अब वह सिंगापुर के नौसेना प्रमुख के साथ अपनी निर्धारित बैठक से अनुपस्थित हैं क्योंकि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है? हो सकता है कि वहां भीड़ हो रही हो. तो, क्या प्रमुख शक्ति चीन में कुछ ऐसा ही है जैसा कि वह खुद को बताता है?

ली को आखिरी बार 29 अगस्त को सार्वजनिक रूप से देखा गया था जब उन्होंने बीजिंग में अफ्रीकी देशों के साथ एक सुरक्षा मंच पर मुख्य भाषण दिया था. उस महीने की शुरुआत में उन्होंने रूस और बेलारूस का भी दौरा किया था. लेकिन 29 अगस्त के बाद वार्षिक चीन-वियतनाम बैठक के लिए ली की हनोई यात्रा रद्द कर दी गई और उसी सप्ताह चीन में सिंगापुर के एक सैन्य अधिकारी के साथ उनकी बैठक निर्धारित थी. हालांकि वियतनाम के अधिकारियों ने कहा था कि बीजिंग ने उन्हें सूचित किया था ली की तबीयत खराब है.

ली के अचानक गायब होने को लेकर जिस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं उसी तरह इस साल जुलाई में पूर्व चीनी विदेश मंत्री किन गैंग का भी इसी तरह लोगों की नजरों से ओझल हो गए थे. किन को आखिरी बार सार्वजनिक रूप से तब देखा गया था जब उन्होंने 25 जून को बीजिंग में श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी के साथ बैठक की थी. उसके बाद वह पूरी तरह से लोगों की नज़रों से गायब हो गए. वास्तव में किन की जगह उनके पूर्ववर्ती और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग कार्यालय के निदेशक वांग यी ने ले ली थी.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले किन ने पहले 2021 से 2023 तक अमेरिका में चीनी राजदूत, 2018 से 2021 तक चीन के विदेश मामलों के उप मंत्री, विदेश मंत्रालय में प्रोटोकॉल के निदेशक के रूप में कार्य किया था. इसके अलावा 2015 से 2018 तक और 2011 से 2015 तक विदेश मंत्रालय में सूचना निदेशक का काम संभाला. उन्हें पिछले साल दिसंबर में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार करते हुए चीनी विदेश मंत्री बनाया गया था. फिर, किन लोगों की नज़रों से ओझल क्यों हो गए.अटकलों के मुताबिक एक पत्रकार फू ज़ियाओटियन के साथ विवाहेतर संबंध में पड़ने के बाद किन ने जी का पक्ष खो दिया होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक किन का फू से शादी के बाद एक बच्चा भी है.

पश्चिमी पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि किन को उनके व्यक्तिगत अविवेक के लिए चीन की अतिरिक्त-कानूनी हिरासत प्रणाली लिउझी के तहत रखा गया होगा. यूरोपीय मानवाधिकार एनजीओ सेफगार्ड डिफेंडर्स के निदेशक पीटर डाहलिन के अनुसार इसे अनुशासन जांच के तहत माना जाता है. तो, क्या ली को भी लिउझी के अधीन रखा गया है? हालांकि चीनी अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रिपोर्टों से पता चलता है कि वह सैन्य सौदों में भ्रष्टाचार के लिए जांच का सामना कर रहे हैं. किन की तरह ली को भी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सबसे कट्टर वफादारों में से एक के रूप में देखा जाता था. 2016 में ली को सेना के तत्कालीन नए रणनीतिक सहायता बल का डिप्टी कमांडर नामित किया गया था जो एक विशिष्ट निकाय था जिसे अंतरिक्ष और साइबर युद्ध क्षमताओं के विकास में तेजी लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. 2017 में उन्हें सेना की खरीद इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था. इसी साल मार्च में उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया था.

डेहलिन ने शुक्रवार को ट्वीट किया था ली शांगफू, किन गैंग और मेंग होंगवेई और अन्य सभी नेता क्या इस प्रक्रिया के हकदार हैं. मेंग होंगवेई, जो इंटरपोल के पहले चीनी प्रमुख थे, सितंबर 2018 में फ्रांस से देश की यात्रा पर गायब हो गए. बाद में इसकी पुष्टि हुई कि उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ शी के अभियान के तहत हिरासत में लिया गया था. बाद में मेंग को 13 साल जेल की सजा सुनाई गई. इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग न लेने के राष्ट्रपति शी के फैसले के बीच किन और ली अचानक लोगों की नजरों से गायब हो गए. उनके निर्णय के कारण के बारे में व्यापक अटकलों के बीच, निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि शी को अपने देश में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक उथल-पुथल से खराब तरीके से निपटने के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सेवानिवृत्त नेताओं द्वारा कड़ी फटकार लगाई गई थी. कथित तौर पर सेवानिवृत्त नेताओं ने शी को चेतावनी दी कि यदि प्रभावी जवाबी कदम नहीं उठाए गए, तो इससे पार्टी और उसके शासन के लिए लोगों का समर्थन खतरे में पड़ जाएगा.

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