नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में स्थित कोचिंग संस्थानों के कई छात्रों ने आत्महत्या की है. राज्यसभा में मंगलवार को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि कोटा में इस वर्ष अभी तक 26 छात्रों ने आत्महत्या की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी में भी बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से एक आयोग बनाने की मांग की, जो पता लगाए कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र आत्महत्या क्यों कर रहे हैं. राज्यसभा में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में मेंटल हेल्थ क्लिनिक की स्थापना की जाए.
डिप्रेशन में गए छात्र या किसी प्रकार का प्रेशर में जी रहे छात्र, इन मेंटल हेल्थ क्लीनिक में जाकर अपना इलाज कर सकें या फिर काउंसलिंग प्राप्त कर सकें. सुशील मोदी ने बताया कि बीते 5 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 25-30 छात्रों ने यहां कोटा में आत्महत्या की है. यह वे छात्र थे जो कोटा के विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट में मेडिकल या फिर इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए थे. इसके साथ ही राज्यसभा में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थान और कोचिंग इंस्टिट्यूट में काउंसलर और एक्सपर्ट्स की बहाली की जाए. ये काउंसलर और एक्सपर्ट उन छात्रों की काउंसलिंग और मदद कर सकेंगे जो पढ़ाई या किसी अन्य प्रेशर के कारण डिप्रेशन में चले गए हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार को उसके पूरे सिलेबस को रिडिजाइन करने के बारे में विचार करना चाहिए. सुशील मोदी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की ओर से आत्महत्या किए जाने की घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्थानों में, उच्च शिक्षण संस्थानों में बड़ी संख्या में नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं.