नई दिल्ली:कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव पर संसद में चर्चा की मांग करते हुए बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इसमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, द्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत 12 अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष हुए इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
लोकसभा में बोले अमित शाह
लोकसभा में नशे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब पर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी का सपना है कि देश नशामुक्त हो. लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि नशे से लाखों परिवार बर्बाद हो गए है. सकार की नार्को टेरर पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. नशा मुक्त भारत पीएम मोदी का संकल्प है. केंद्र और राज्यों को मिलकर लड़ाई लड़नी होगी. नशा मुक्त भारत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने बताया कि एनआईए के कानून में ड्रग का कानून डाला गया. देश के अंदर दो या दो से अधिक राज्यों की सीमाओं के अंदर एनसीबी राज्यों की मदद कर रहा है.
वहीं, देश से बाहर के मामलों के लिए राज्य एनआईए की मदद ले सकते हैं. नारकोटिक्स के खिलाफ गृह और वित्त विभाग ने लड़ाई छेड़ी है वहीं अन्य मंत्रालय हमारी मदद कर रहे हैं. हम नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी संस्थाओं को और मजबूत का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए तीन स्तरीय लड़ाई की बात कही. उन्होंने बताया कि संस्थागत संरचनाओं में सबसे प्रमुख चार स्तरीय एनकोड समिति बनाई गई है. जिसमें जिला से लेकर केंद्र तक काम हो रहा है.
विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार को सीमा पर चीन के अतिक्रमण पर जवाब देना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'चुप्पी' तोड़नी चाहिए. विपक्षी दल सात दिसंबर से आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र में चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग लगातार कर रहे हैं. दोनों सदनों में कई सांसदों ने कार्यास्थगन प्रस्ताव के नोटिस भी दिए. उल्लेखनीय है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में ताजा संघर्ष हुआ था, जिसमें दोनों तरफ के जवानों को चोटें आई थीं. यह जून 2020 में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद इस तरह की पहली बड़ी घटना थी.