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Winter Session 2022: लोकसभा में ड्रग्स और आतंक पर शाह बोले-सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति

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Published : Dec 21, 2022, 8:46 AM IST

Updated : Dec 21, 2022, 3:26 PM IST

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने चीन पर चर्चा की मांग को लेकर आज संसद में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करने के लिए समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं को बुलाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली:कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव पर संसद में चर्चा की मांग करते हुए बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया. इसमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, द्रमुक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत 12 अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष हुए इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

लोकसभा में बोले अमित शाह
लोकसभा में नशे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब पर अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी का सपना है कि देश नशामुक्त हो. लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि नशे से लाखों परिवार बर्बाद हो गए है. सकार की नार्को टेरर पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. नशा मुक्त भारत पीएम मोदी का संकल्प है. केंद्र और राज्यों को मिलकर लड़ाई लड़नी होगी. नशा मुक्त भारत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने बताया कि एनआईए के कानून में ड्रग का कानून डाला गया. देश के अंदर दो या दो से अधिक राज्यों की सीमाओं के अंदर एनसीबी राज्यों की मदद कर रहा है.

वहीं, देश से बाहर के मामलों के लिए राज्य एनआईए की मदद ले सकते हैं. नारकोटिक्स के खिलाफ गृह और वित्त विभाग ने लड़ाई छेड़ी है वहीं अन्य मंत्रालय हमारी मदद कर रहे हैं. हम नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी संस्थाओं को और मजबूत का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए तीन स्तरीय लड़ाई की बात कही. उन्होंने बताया कि संस्थागत संरचनाओं में सबसे प्रमुख चार स्तरीय एनकोड समिति बनाई गई है. जिसमें जिला से लेकर केंद्र तक काम हो रहा है.

विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार को सीमा पर चीन के अतिक्रमण पर जवाब देना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'चुप्पी' तोड़नी चाहिए. विपक्षी दल सात दिसंबर से आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र में चीन के मुद्दे पर चर्चा की मांग लगातार कर रहे हैं. दोनों सदनों में कई सांसदों ने कार्यास्थगन प्रस्ताव के नोटिस भी दिए. उल्लेखनीय है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में ताजा संघर्ष हुआ था, जिसमें दोनों तरफ के जवानों को चोटें आई थीं. यह जून 2020 में गलवान घाटी में घातक झड़प के बाद इस तरह की पहली बड़ी घटना थी.

लोकसभा की कार्यवाही 11 बचे शुरू हुई लेकिन विपक्ष के हंगामें के कारण इसे 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. 12 बजे लोक सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेजों को सदन में पेश करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके और सपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों ने खड़े होकर चीन के मसले पर चर्चा कराने की मांग की. लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने खड़े होकर कहा कि चीन के मसले पर सदन के बाहर हर फोरम पर चर्चा हो रही है.

उन्होंने सदन में चर्चा कराने की मांग करते हुए कहा कि चीन के मसले पर सदन में चर्चा होनी ही चाहिए. अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी उनकी मांग का समर्थन किया. चीन पर चर्चा कराने की मांग को खारिज कर दिए जाने के बाद विपक्षी दलों ने लोक सभा से वॉकआउट कर दिया.

वहीं, विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि केंद्र बहस की अनुमति नहीं दे रहा है क्योंकि वह कुछ छिपा रहा है. मंगलवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उल्लंघनों पर केंद्र का रुख जानना चाहा था और पूछा था कि चीनी राजदूत ने डेमार्च क्यों नहीं जारी किया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था.

राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि 177 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFS) और असम राइफल्स के जवानों ने पिछले तीन वर्षों (2019-2021) के दौरान कर्तव्य की पंक्ति में अपने प्राणों की आहुति दी.

Last Updated : Dec 21, 2022, 3:26 PM IST

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