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शीतकालीन सत्र 2022 : लोकसभा में हिमाचल प्रदेश के हट्टी समुदाय को ST का दर्जा मिला - सीमा विवाद पर चर्चा

लोकसभा में शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में हट्टी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के लिए एक विधेयक पारित किया गया. इससे पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने तवांग झड़प को लेकर सदन में चर्चा स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. इससे पहले गुरुवार को भी उन्होंने तवांग झड़प को लेकर सदन में चर्चा स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था.

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Published : Dec 16, 2022, 9:51 AM IST

Updated : Dec 16, 2022, 7:11 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में हट्टी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के लिए एक विधेयक पारित किया गया. संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022 को पेश करते हुए जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह विधेयक हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्य में सिरमौर जिले के ट्रांस गिरि क्षेत्र के हट्टी समुदाय को न्याय प्रदान करेगा.

इससे पहले लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने तवांग झड़प को लेकर सदन में चर्चा स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था. इसके साथ ही राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चीन के साथ सीमा स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया. साथ ही सभापति से प्रधानमंत्री और सरकार से इस मुद्दे पर बयान देने के लिए कहने का आग्रह किया है. आप सांसद राघव चड्ढा ने बेअदबी की घटनाओं में दोषियों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए कानूनों में संशोधन पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया.

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू.

निर्भया कांड के 10 साल पूरे: डीसीडब्ल्यू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर चर्चा के लिए लोकसभा, राज्यसभा को निलंबित करने का आग्रह किया : दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर शुक्रवार को महिला सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दिन के संसदीय कार्य को स्थगित करने का आग्रह किया है. निर्भया गैंगरेप कांड के 10 साल पूरे हो गए हैं. पत्र में कहा गया है कि जैसा कि आप जानते होंगे, आज निर्भया की दसवीं बरसी है. दिसंबर 2012 में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और बलात्कारियों द्वारा सबसे भयानक अत्याचार किया गया था. इस घटना ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया, जिसने अभूतपूर्व विरोध देखा, जिसने अंततः कई कानूनी सुधारों किये गये.

हालांकि, इस भीषण घटना को 10 साल बीत चुके हैं और देश में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं. पत्र में कहा गया है कि हर दिन, राष्ट्रीय राजधानी में 6 बलात्कार की सूचना मिलती है. पत्र में कहा गया है कि दिल्ली में एक 8 महीने की बच्ची और एक 90 वर्षीय महिला के साथ भी बलात्कार हुआ है! दो दिन पहले, एक 17 वर्षीय लड़की जा रही थी दिल्ली के द्वारका में उसके स्कूल में जब दो बाइक सवारों ने उस पर तेजाब फेंका.

वह गंभीर रूप से झुलस गई है और वर्तमान में गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए पूरे देश में खुलेआम तेजाब बेचा जा रहा है. देश के सभी हिस्सों से इसी तरह के भयानक मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले गुरुवार को भी उन्होंने तवांग झड़प को लेकर सदन में चर्चा स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया था. गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के बीच अप्रैल 2020 से जो तनाव चल रहा है उस पर संसद में एक बार भी चर्चा नहीं हुई है.

हमारे जांबाज सिपाही चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं मगर चीन सरहद पर क्यों तनाव बढ़ा रहा है, इस पर संसद में व्यापक चर्चा की जरूरत है. गुरुवार को कांग्रेस नेता और सांसद मनीष तिवारी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को ट्वीट कर एक सलाह दिया है. दरअसल, जयशंकर इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर जमकर घेरा है. इसपर मनीष तिवारी ने जयशंकर को इतिहास के पन्ने पलटने और चीन पर संयुक्त राष्ट्र में बोलने को लेकर सलाह दी है.

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मनीष तिवारी ट्वीट कर ये कहा:सांसद मनीष तिवारी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को ट्वीट करते हुए कहा, जयशंकर को शायद भारतीय इतिहास और कूटनीति के कुछ अध्यायों पर दोबारा गौर करना चाहिए. दुर्भाग्य से वे वही गलती कर रहे हैं जो पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने की थी. उन्होंने आगे लिखा कि भारत को जब खतरा चीन है तो वह पाकिस्तान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

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जयशंकर ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब:विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को पाकिस्तान को घेरते हुए अस्विकार देश माना था. जयशंकर ने कहा था कि जिस देश ने अपने पड़ोसी देश के संसद पर हमला बोला और अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की उस देश को संयुक्त राष्ट्र में तरजीह नहीं देनी चाहिए. जयशंकर ने कहा, पाकिस्तान को दुनिया अस्वीकार मानती है. इसलिए ऐसे घटनाक्रम में पाकिस्तान की संलिप्तता संयुक्त राष्ट्र में प्रमाणिकता के रूप से काम कर सकता है.

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Last Updated : Dec 16, 2022, 7:11 PM IST

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