नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा पर तनाव के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग के बीच संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से छह दिन पहले शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया और इस दौरान लोकसभा में 97 प्रतिशत तथा राज्यसभा में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ (Parliament Adjourned).
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरुआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया, 'इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही.'
उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली. राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट अर्थात करीब 102 प्रतिशत कामकाज हुआ.
सत्र के दौरान धनखड़ ने बतौर सभापति पहली बार सदन की कार्यवाही का संचालन किया. सदन में अपने पहले संबोधन में धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक जवाबदेही आयोग (एनजेएसी) संबंधी अधिनयम और कानून बनाने में संसद की संप्रभुता को लेकर टिप्पणी की थी.
धनखड़ ने गुरुवार को उच्च सदन में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक बयान को लेकर वक्तव्य दिया था जिसका नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को विरोध करते हुए उसे सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग की. किंतु सभापति ने कहा कि उनका वक्तव्य आसन की निष्पक्षता से जुड़ा था.