नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में बीती रात आए आंधी, बारिश और तूफान (thunderstorm) की वजह से गाजीपुर बॉर्डर (ghazipur border) पर धरना दे रहे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. किसानों द्वारा टेंट और तिरपाल लगाकर बनाए गए रैन बसेरे (Night shelters) हवा में उड़ गए. किसानों का कहना है कि बीती रात मानो आसमान से आफत की आंधी आई हो.
हालांकि, किसानों का ये भी कहना है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, लेकिन वे आंदोलन पर डटे रहेंगे. किसानों ने बताया कि रात को जब तेज बारिश और आंधी आई, तो कई किसानों ने इधर-उधर भाग कर किसी तरह से खुद को बचाया. बारिश और आंधी से किसानों का काफी नुकसान हुआ है और काफी सामान भी खराब हो गया है.
तेज हवा में उड़ गए रैन बसेरे. रसोई में भर गया पानी
किसानों ने बताया कि रात के समय रसोई में जो खाने-पीने का सामान रखा हुआ है, वहां तक जलभराव (waterlogging) होने से खराब हो गया. हालांकि, किसानों ने काफी मशक्कत के बाद रसोई में से पानी बाहर निकाला. इसके अलावा शौचालय के बाहर भी पानी भर जाने से सुबह के समय किसानों को काफी परेशानी हुई, जो किसान नेशनल हाईवे 9 पर धरना दे रहे हैं, उन्हें हाईवे ब्रिज के नीचे आना पड़ा.
आस-पास के इलाकों में गिरे पेड़
इसके अलावा गाजियाबाद के वसुंधरा और आस-पास के इलाकों में भी आंधी और बारिश की वजह से नुकसान की खबरें आई हैं. जिसमें वसुंधरा के अपार्टमेंट के सामने पेड़ गिर गया, जिसकी वजह से सुबह रोड पर आवाजाही बाधित हो गई. नगर निगम की टीम ने सुबह पेड़ को रोड से हटाया, जिसके बाद आवाजाही सुचारू हो पाई.