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क्या वॉट्सएप का विकल्प बनेंगे सिग्नल या टेलीग्राम, जानें फीचर्स - signal or telegram

वॉट्सएप की नई गोपनीयता नीतियों में बदलाव के साथ ही यह सवाल उठा है कि सिग्नल या टेलीग्राम में से किस ऐप का उपयोग सही होगा. साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट और साइबर सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल, कर्नल इंद्रजीत सिंह ने दोनों ऐप के फीचर्स के बारे में विस्तार से बताया है. जैसे सिग्नल ऐप आपके व्यक्तिगत डेटा को एकत्र नहीं करता है. साथ ही, यह आपकी कॉन्टेक्ट लिस्ट को एक्सेस करने के लिए अनुमति मांगता है. वहीं अगर टेलीग्राम की बात करें, तो टेलीग्राम पर आप ई2ई एन्क्रिप्शन चैट कर सकते हैं और इनका उपयोग केवल 'सीक्रेट चैट' में किया जाता है. इसके अलावा, चैट हिस्ट्री जैसी कई अन्य सुविधाएं भी टेलीग्राम पर उपलब्ध हैं.

वॉट्सएप का विकल्प
वॉट्सएप का विकल्प

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Published : Jan 13, 2021, 1:14 PM IST

नई दिल्ली :दुनियाभर में सिग्नल ऐप के डाउनलोड का रिकॉर्ड बन रहा है. वॉट्सएप ने घोषणा की है कि वह फेसबुक और एप्पल प्राइवेसी लेबल्स के साथ सबकुछ साझा कर सकते हैं. इससे लोगों को वॉट्सएप को अन्य मैसेंजर से तुलना करने की अनुमति मिल सकती है. पर लगता है कि लोग ऐसा नहीं चाहते. वह अपनी चैट को निजी रखना पसंद करते हैं.

अब तक वॉट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग करता है. हाल ही में वॉट्सएप ने नई सुरक्षा नीतियों की घोषणा की है. इसके तहत, यूजर्स को फेसबुक और उसकी सहायक कंपनियों को अपने फोन नंबर और लोकेशन सहित अन्य डेटा एकत्र करने और उसका उपयोग करने के लिए सहमती देनी होगी.

व्हाट्सऐप के बाद कौन सा चैट ऐप, सिग्नल या टेलीग्राम, जाने फीचर्स

इसका क्या मतलब है? क्या हमारा डेटा सुरक्षित नहीं है? क्या वॉट्सएप भी यूजर्स का डेटा चुराएगा? ऐसे तमाम सवाल मन में आ रहे हैं. इन सवालों के जवाब में, यूजर्स के पास दूसरे विकल्प पर जाने के आलावा कोई और रास्ता नहीं रह गया है. लोगों ने सिग्नल और टेलीग्राम जैसी मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

व्हाट्सऐप के बाद कौन सा चैट ऐप, सिग्नल या टेलीग्राम, जाने फीचर्स

साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट और साइबर सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल, कर्नल इंद्रजीत सिंह ने बताया कि वॉट्सएप का इस्तेमाल हमने पर्सनल कम्युनिकेशन के लिए किया था. लेकिन अपग्रेडेड वॉट्सएप प्राइवेसी पॉलिसी के कारण, अब यह संभव नहीं होता दिख रहा है. इसलिए अब हमें वॉट्सएप का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.

व्हाट्सऐप के बाद कौन सा चैट ऐप, सिग्नल या टेलीग्राम, जाने फीचर्स

वॉट्सएप की नई गोपनीयता नीतियों की घोषणा के बाद से भारत में ऐप स्टोर पर वॉट्सएप की तुलना में सिग्नल अब अधिक लोकप्रिय होता जा रहा है. यह नीतियां 8 फरवरी 2021 से लागू हो सकती हैं. लोग वॉट्सएप से सिग्नल और टेलीग्राम की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में, इन दोनों ऐप्स के फीचर्स के बारे में जानना जरूरी है. कर्नल इंद्रजीत सिंह ने हमें सिग्नल और टेलीग्राम के फीचर्स के बारे में जानकारी दी.

व्हाट्सऐप के बाद कौन सा चैट ऐप, सिग्नल या टेलीग्राम, जाने फीचर्स

सिग्नल के फीचर्सः-

  • सिग्नल एक साधारण ऐप है. दूसरे एप्लिकेशन्स की तरह, जब आप सिग्नल का उपयोग करेंगे, तो वह आपके कॉन्टेक्ट्स, ग्रुप्स, मैसेजेस, इमेजेस, सर्च, आदि के बारे में कोई सूचना नहीं मांगेगा. इसका मतलब है कि सिग्नल में आपका डेटा सुरक्षित है.
  • सिग्नल, इंस्टॉलेशन के समय आपकी कॉन्टेक्ट्स सूची को ऐक्सेस करने की अनुमति मांगता है. अगर आप नहीं चाहते कि यह आपके कॉन्टेक्ट्स को इस्तेमाल करे, तो आप इस अनुमति को अस्वीकार भी कर सकते हैं. नतीजा, आपको ऐप में एक-एक करके कॉन्टेक्ट्स को डालना होगा. सिग्नल टीम, चैट हिस्ट्री को महत्व नहीं देती है.
  • सिग्नल फोन नंबर पर आधारित ऐप है. इसका मतलब अगर आपका फोन नंबर बदलता है, तो आपको फिर से शुरू से शुरुआत करनी पडे़गी. सारे कॉन्टेक्ट्स को फिर से डालना पडे़गा. तभी आप लोगों से कनेक्ट कर पाएंगे.

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  • कर्नल इंद्रजीत सिंह ने यह भी बताया कि जब आप सिग्नल को किसी डिवाइस से लिंक (जोड़ते) करते हैं, तो आपको कोई सूचना नहीं मिलेगी. ऐसा इसलिए है, क्योंकि लिंक किए गए डिवाइस को जोड़ने का एकमात्र तरीका, आपके फोन से डिवाइस पर क्यूआर कोड स्कैन करना है. इसके बाद आपको डिवाइस से जोड़ने के लिए पुष्टि करनी होती है.
  • सिग्नल ऐप आपको दिन में एक बार स्वचालित बैकअप की सुविधा देता है. इसके लिए आप, अपने फोन पर एक लोकल फोल्डर चुनें. फिर बस उस क्लाउड पर आधारित सर्वर में लोकल फोल्डर को सिंक करने के लिए एक और ऐप का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए, आप किसी भी एंड्रॉइड ऐप का उपयोग कर सकते हैं.
  • सिग्नल का इस्तेमाल करते हुए, हमने पाया कि हर कॉन्टेक्ट में एक अलग रंग दिखाई देता है.
  • सिग्नल यूजर्स का कुछ डेटा रखता है. इससे साइबर सिक्योरिटी पर सवाल खड़े हो सकते हैं.
  • सिग्नल के एक नए फीचर से यूजर्स अपने कुछ डेटा जैसे- कॉन्टेक्ट्स, प्रोफइल से जुड़ी जानकारी, सेटिंग्स और ब्लॉक्ड यूजर्स को फिर से हासिल कर सकते हैं. सिग्नल इस डेटा को अपने सर्वर पर स्टोर करेगा, जो एक पिन द्वारा संरक्षित किया जाता है (इस पिन नंबर को ऐप शुरु में पूछता है). इस नए फीचर ने कुछ हाई-प्रोफाइल सुरक्षा विशेषज्ञों को ऐप के डेवलपर्स की आलोचना करने और इसका उपयोग बंद करने की धमकी देने मौका दिया.

टेलीग्राम के फीचर्सः-

  • अगर हम टेलीग्राम की बात करें, तो इसका उपयोग करना आसान है. यदि आप एक सीक्रेट चैट (टेलीग्राम फीचर) शुरू करते हैं, तो आप और आपके साथी ही एन्क्रिप्शन कुंजी के बारे में जानते हैं. इसका मलतब है कि चैट बातचीत करने वालों के बीच सुरक्षित रहेगी.
  • टेलीग्राम में आपको चैट हिस्ट्री भी मिलती है. किसी दोस्त या परिवार के लोगों से की गई पुरानी बातों को याद करने लिए, चैट हिस्ट्री बहुत मददगार साबित होती है.
  • टेलीग्राम को एक साथ कई उपकरणों से एक्सेस किया जा सकता है.
  • टेलीग्राम पर आप ई2ई एन्क्रिप्शन चैट कर सकते हैं.
  • ई2ई एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल केवल सीक्रेट चैट में किया जा सकता है.

सिर्फ एक ऐप पर भरोसा करना नासमझी होगी. क्योंकि अगर वह ऐप सुरक्षित नहीं रहा तो आप क्या करेंगे. ऐसे में दो या तीन मैसेंजिग ऐप्स होना ही सही है.

कर्नल इंद्रजीत के अनुसार, भले ही आप मुख्य रूप से वॉट्सएप, फेसबुक मैसेंजर या कोई अन्य ऐप का उपयोग करें, लेकिन टेलीग्राम और सिग्नल को भी इंस्टाल कर लें.

आप कर्नल इंदरजीत को ट्विटर पर @inderbarara और इंस्टाग्राम पर inderbarara पर फॉलो कर सकते हैं.

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