लखनऊ : कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने रविवार को कहा कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में दूसरे दलों से गठबंधन को लेकर उनका 'ज़हन बिलकुल खुला' है लेकिन ऐसा कोई भी समझौता पार्टी के हितों की कीमत पर नहीं होगा.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अन्य पार्टियों से गठबंधन को लेकर उनका 'ज़हन बिलकुल खुला हुआ' है.
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अभी वह यह नहीं कह सकतीं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी या फिर गठबंधन करेगी. हालांकि कोई भी गठबंधन पार्टी के हितों की कीमत पर नहीं होगा.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, हमारा उद्देश्य भाजपा को हराना है और दूसरी राजनीतिक पार्टियों को भी खुले ज़हन से इस (गठबंधन की) दिशा में सोचना चाहिए. प्रियंका ने खुद के उत्तर प्रदेश के राजनीतिक फलक से अकसर गैरहाजिर रहने के विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह उत्तर प्रदेश में 'राजनीतिक पर्यटक' नहीं हैं और वह पिछले करीब डेढ़ साल से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं तथा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लगातार संपर्क में हैं. अब वह उत्तर प्रदेश में ज्यादा समय देंगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे कर सत्ता हथियाने वाली भाजपा की असलियत अब जनता के सामने पूरी तरह जाहिर हो गई है और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की इन्हीं नाकामियों को जनता के सामने रखेगी.
उन्होंने माना कि पार्टी 30-32 वर्षों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है और यह कुछ 'दुर्बल' भी हो गई है और कहा कि इसके कायाकल्प की पूरी कोशिशें की जा रही हैं तथा पार्टी में काफी नई ऊर्जा का संचार भी हुआ है.
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इस सवाल पर कि आखिर कांग्रेस के साथ क्या परेशानियां हैं, पार्टी महासचिव ने कहा कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है, कुछ चीजें हैं जिन्हें ठीक किया जाना है. उन्होंने कहा कि पार्टी में बहुत अनुभव और समझ है लेकिन पार्टी के सामने चुनौती यह है कि वह पुराने में से कुछ नया और अच्छा निकाले.
इस प्रश्न पर कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार होंगी, प्रियंका ने कहा ऐसा कहना जल्दबाजी होगा. शनिवार को लखीमपुर खीरी के अपने दौरे के दौरान संवाददाताओं द्वारा यही सवाल पूछे जाने पर प्रियंका ने कहा था, क्या अब आपको सब कुछ बताना पड़ेगा. प्रियंका ने बताया कि राज्य में कांग्रेस सेवादल में भी आमूलचूल बदलाव किए जाने की योजना है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह पिछले करीब डेढ़ साल से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे ज्यादा काम हुआ है. अब सभी लोग यह देख सकते हैं कि जनता के मुद्दों को आखिर कौन सी पार्टी उठा रही है.
इस सवाल पर कि क्या अब वह लखनऊ में और ज्यादा समय बिताएंगी, प्रियंका ने कहा, आज मैं दिल्ली जाऊंगी और वहां 15-20 दिन रुकूंगी. उसके बाद मैं आऊंगी. दरअसल दिल्ली में भी बहुत सा काम करना होता है और वहां भी मेरी जरूरत पड़ती है लेकिन अब मैं उत्तर प्रदेश में ज्यादा समय देना चाहूंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे कर सत्ता हथियाने वाली भाजपा की असलियत अब जनता के सामने पूरी तरह जाहिर हो गई है और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की इन्हीं नाकामियों को जनता के सामने रखेगी.
बाद में, प्रियंका ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पार्टी के प्रांतीय सह प्रभारी धीरज गुर्जर और पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अनेक प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श भी किया.
(पीटीआई-भाषा)