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प.बंगाल : शुभेंदु अधिकारी के पिता को राज्यसभा भेज सकती है भाजपा - father of suvendu adhikari to rajya sabha

चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी को राज्यसभा भेज सकती है. हालांकि, खुद शिशिर अधिकारी ने इन खबरों का खंडन किया है. हालांकि, शिशिर अधिकारी राजनीतिक रूप से अभी बहुत अधिक सक्रिय नहीं हैं. लेकिन पार्टी अगर उन्हें राज्य सभा भेजने में कामयाब हो जाती है, तो यह दोनों के लिए फायदेमंद होगा.

Sisir adhikari
शिशिर अधिकारी

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Published : May 16, 2022, 10:52 PM IST

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी प.बंगाल से शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी को राज्यसभा भेज सकती है. राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है. राष्ट्रपति उन्हें नामांकित कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि अधिकारी को यह ऑफर दिया जा चुका है.

सूत्र बताते हैं कि हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बंगाल दौरे के दौरान भाजपा नेताओं से इस पर चर्चा की थी. उस बैठक में अधिकारी, पिता-पुत्र, मौजूद थे. हालांकि, इस बाबत जब शिशिर अधिकारी से पूछा गया, तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया. सीनियर अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, 'मैं इस तरह की किसी चर्चा का भागीदार नहीं हूं."

आपको बता दें कि शिशिर अधिकारी कांथि संसदीय सीट से टीएमसी के सांसद हैं. जब से उनके बेटे शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है, तभी से सीनियर अधिकारी भी टीएमसी से दूरी बनाकर चल रहे हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सीनियर अधिकारी पीएम और गृह मंत्री की रैली में मंच पर दिखे थे.

हालांकि, शिशिर अधिकारी राजनीतिक रूप से अभी अधिक सक्रिय नहीं हैं. लेकिन पार्टी अगर उन्हें राज्य सभा भेजने में कामयाब हो जाती है, तो यह दोनों के लिए फायदेमंद होगा. अभी सीनियर अधिकारी भाजपा के लिए सीधे तौर पर बोल नहीं पाते हैं.

टीएमसी ने इस खबर पर अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन शिशिर को 'विश्वासघाती' जरूर बताया. टीएमसी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने ईटीवी भारत को बताया, 'मैं कुछ नहीं कह सकता हूं. वह विश्वाघाती हैं. उन्होंने टीएमसी की टिकट पर कांथि से जीत हासिल कर अपना पाला बदल लिया. शायद पाला बदलने के बदले उन्हें ईनाम मिल रहा होगा. वह अपना सम्मान खो चुके हैं. वह अपने घर से बाहर भी नहीं निकल पाते हैं. वह न तो अपने पड़ोस में जा पाते हैं. अगर किसी को उसके विश्वासघात करने का पुरस्कार दिया जाता है, तो यह उनका बिजनेस है. हमें नहीं मालूम है.'

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, 'यह पार्टी का आंतरिक मामला है. हम इस पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहेंगे.'

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