नई दिल्ली : सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी (Union Minister Ajay Mishra) को दिल्ली तलब किया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पार्टी अजय मिश्रा का इस्तीफा लेगी. लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur violence) के बाद खुद गृह राज्यमंत्री ने यह बात कही थी कि यदि उनका पुत्र दोषी पाया जाता है तो वह खुद इस्तीफा दे देंगे और अब एसआईटी की जांच में यह पाया गया है कि उनके पुत्र ने सुनियोजित साजिश के जरिए इस घटना को अंजाम दिया था. लेकिन सरकार कह रही है कि यह मामला अभी कोर्ट में है, इसलिए इस्तीफा लेने का कोई सवाल ही नहीं बनता.
वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद में दो दिन से हंगामा कर रही हैं.
बुधवार को दो मुद्दे केंद्र और उत्तर प्रदेश की सियासत में देखने को मिले, जिसमें एक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तमाम भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ काशी से अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए, तो वहीं दूसरी तरफ देश की संसद में तमाम विपक्षी पार्टियां लामबंद होकर सरकार से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे मांग रही थीं.
एक तरफ सरकार और सत्ताधारी पार्टी काशी और अयोध्या की भव्यता और विकास की बात कर रही थी, वहीं दूसरी तरफ सरकार इस पशोपेश में है कि अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा लेने पर कहीं उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोट नाराज न हो जाए.
इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत से बातचीत में यूपी से भाजपा सांसद जगदंबिका पाल (bjp mp Jagdambika Pal) ने कहा कि काशी और अयोध्या के कार्यक्रम को लेकर पार्टी कोई संदेश देना नहीं चाह रही, बल्कि यह देश और उत्तर प्रदेश के लिए हमारी प्रतिबद्धता है. पहले यूपी में 12 मेडिकल कॉलेज थे आज 69 मेडिकल कालेज हैं. इसी तरह हमारी सरकार हाइवे, एम्स और सड़कों के विकास में पीछे नहीं है.
उन्होंने कहा कि काशी को विकास से जोड़कर देखा जाना चाहिए न कि किसी और चीज से. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योगी सरकार उत्तर प्रदेश में लगातार विकास कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में छह इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना दिए गए और लगातार विकास कार्य जारी है. जहां तक सवाल काशी और अयोध्या का है, काशी का विकास जरूरी था इतनी बड़ी धर्म स्थली में लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन पतली गलियों से होकर जाते थे, जिसका विकास कर कॉरिडोर तैयार किया गया. यदि विपक्ष इसे ध्रुवीकरण की बात कह रहा है तो फिर अखिलेश यादव यह क्यों कह रहे हैं कि काशी कॉरिडोर की शुरुआत उनके समय में हुई थी.
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