नई दिल्ली :चीन में कोविड-19 के प्रकोप की रिपोर्टिग और अंतिम संस्कार गृहों पर भारी दबाव की सोशल मीडिया पर आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि वह अपनी कोविड-19 रिपोर्टिग के बारे में पूरी तरह से पारदर्शी रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई. आरएफए के मुताबिक, चीन में सोशल मीडिया की टिप्पणियों ने मौतों के हाल के आंकड़ों के साथ मुद्दा उठाया, जिसमें 26 दिसंबर को सिर्फ एक मौत की बात स्वीकार की गई, क्योंकि बहुत से लोग अपने उन दोस्तों को जानते हैं, जो मर चुके हैं और परिवार को उनका दाह संस्कार करने में परेशानी हो रही है.
एक टिप्पणी में कहा गया, 'अपनी अंतरात्मा से पूछिए - क्या आप इस पर विश्वास करते हैं?' जबकि दूसरे ने चुटकी ली : 'क्या यह रोग नियंत्रण विभाग है या जादू मंत्रालय?' स्थानीय प्रशासन जो आंकड़े प्रकाशित कर रहे हैं, वे अक्सर भ्रमित करने वाली रीडिंग करते हैं, और जमीन पर लोग अपनी आंखों से जो देख रहे हैं, उसमें बहुत कम समानता रहती है. आरएफए ने बताया कि संक्रमण की मौजूदा लहर के कारण सोशल मीडिया पर लोगों ने वार्षिक स्प्रिंग फेस्टिवल गाला को रद्द करने का आह्वान किया है, जो चंद्र नववर्ष पर होता है और बाहर रहने वाले लोग इस मौके पर अपने परिवार से मिलते हैं. हालांकि, इस तरह के पोस्ट को सरकारी सेंसर द्वारा तेजी से हटा दिया गया.
हाल के दिनों में कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी प्रकोप के बीच पूरे चीन में लोगों के घरों में लाशें जमा हो रही थीं, क्योंकि महामारी प्रतिबंधों में ढीले दिए जाने के बाद वे दाह संस्कार के लिए बुकिंग का इंतजार कर रहे थे. उन्हें रुकने के लिए कहा जा रहा था और बताया जा रहा था कि मृतकों के शव अंतिम संस्कार गृहों में ले जाने के लिए अधिक कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. हाल के दिनों में बीजिंग में मुर्दाघरों और अंतिम संस्कार गृहों में दाह संस्कार की प्रतीक्षा में शवों का एक सप्ताह का बैकलॉग भरा हुआ है.