हैदराबाद :बीते एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना महामारी ने विश्व को अपनी चपेट में लिया हुआ है. यह वैश्विक महामारी अपने दूसरे और खतरनाक चरण में है. एक स्टडी के मुताबिक, विकासशील देशों में इसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जिसका कारण यहां बरती जा रही अनौपचारिकता को माना गया है. न्यू वर्ल्ड बैंक की एक अध्ययन में पता चला है कि इन देशों में कोरोना महामारी पर दिख रही अनौपचारिकता के कारण इससे उबरने में भी समय लग रहा है.
सरकार के दायरे से बाहर रहकर की जा रही एक-तिहाई आर्थिक गतिविधियां
- उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDEs) में सरकारों के दायरे से हटकर श्रमिकों और फर्मों का एक बड़ा प्रतिशत काम कर रहा है. स्टडी में कहा गया है कि जब तक यहां की सरकारें अनौपचारिक क्षेत्रों की कमियों को दूर करने के लिए व्यापक नीतियां नहीं अपनाती, तब तक कोरोना के खिलाफ लड़ने में यह बड़ी चुनौती होगी.
- अध्ययन में पाया गया है कि इन देशों में अनौपचारिक क्षेत्र कुल रोजगार का 70 प्रतिशत से अधिक और जीडीपी का तकरीबन एक तिहाई है. यह पैमाना इन देशों में संकट में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, प्रभावी व्यापक आर्थिक नीतियों का संचालन करने और दीर्घकालिक विकास के लिए मानव पूंजी बनाने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों को जुटाने की क्षमता को कम करता है.
- ईएमडीई देशों में सरकारी राजस्व औसत से अधिक अनौपचारिकता के कारण सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20 प्रतिशत थे, जो अन्य ईएमडीई के मुकाबले 5 से 12 प्रतिशत अंक नीचे हैं. सरकारी व्यय भी सकल घरेलू उत्पाद के 10 प्रतिशत से भी कम रहे.
- इसी तरह, केंद्रीय बैंकों की इन अर्थव्यवस्थाओं को समर्थन देने की क्षमता, व्यापक अनौपचारिकता से जुड़ी अविकसित वित्तीय प्रणालियों से बाधित होती है.
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जानिए अनौपचारिकता कोविड-19 महामारी से उबरने में कैसे प्रभावित कर रही
- अनौपचारिकता COVID-19 के संचरण को धीमा करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के नीतिगत प्रयासों को कमजोर करती है.
- सामाजिक सुरक्षा तक सीमित पहुंच के कारण अनौपचारिक क्षेत्र के कई भागीदार न तो घर पर रह पा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पा रहे हैं।
- ईएमडीई देशों में अनौपचारिक उद्यम, सर्विस सेक्टर में 72 फीसदी फर्मों के लिए जिम्मेदार हैं.
- ईएमडीई में अनौपचारिकता, क्षेत्रों और देशों में व्यापक रूप से अलग-अलग होती है, जबकि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में यह उप सहारा अफ्रीका क्षेत्रों में सबसे उच्च 36 फीसदी है. वहीं, मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ्रीका में सबसे कम 22 फीसदी है.
- दक्षिण एशिया और उप सहारा अफ्रीका क्षेओं में व्यापक अनौपचारिकता मोटे तौर पर कम मानव पूंजी और बड़े कृषि क्षेत्रों का परिणाम है. यूरोप, लेटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्रों के साथ मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देशों में भारी नियामक, कर बोझ और कमजोर संस्थान अनौपचारिकता के अहम कारण हैं.
कोविड-19 महामारी से पहले ईएमडीई देशों में अनौपचारिकता घट रही थी