नई दिल्ली: भारत के साथ तंजानिया अपने रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के साथ दुनिया के उस हिस्से के साथ नई दिल्ली की गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहु हसन (Tanzanian President Samia Suluhu Hassan) के बीच सोमवार को हुई बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों को समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग, विकास साझेदारी, व्यापार और निवेश जैसे मुद्दों पर संयुक्त रूप से काम करने में मदद मिलेगी. हाल के समय में दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और रक्षा सहयोग गतिविधियों में तेजी आने के ठीक बाद आया है.
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस साल जुलाई में तंजानिया का दौरा किया था, जिस दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-एम) ने ज़ांज़ीबार में अपना पहला विदेशी परिसर खोला था. वहीं इस महीने की शुरुआत में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे तंजानिया की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गए थे. यात्रा के दौरान उन्होंने तंजानिया के रक्षा मंत्री स्ट्रेगोमेना लॉरेंस टैक्स और रक्षा बल के प्रमुख जनरल जैकब जॉन मकुंडा से मुलाकात की थी.
इस वर्ष जून में, भारत-तंजानिया संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की दूसरी बैठक तंजानिया के अरुशा में आयोजित की गई थी. राष्ट्रपति हसन की वर्तमान भारत यात्रा भी पिछले महीने नई दिल्ली में आयोजित अंतर-सरकारी मंच के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाए जाने के बाद हो रही है. तो, तंजानिया भारत के लिए इतना महत्वपूर्ण भागीदार बनकर क्यों उभरा है?
इस संबंध में मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की सलाहकार और अफ्रीका की विशेषज्ञ रुचिता बेरी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारे बीच राजनीतिक और ऐतिहासिक संबंध बहुत पुराने हैं. उन्होंने कहा कि तंजानिया में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें से कई लोग गुजरात से आए थे. तंजानिया को अपेक्षाकृत स्थिर देश बताते हुए बेरी ने कहा कि पूर्वी अफ्रीकी देश लंबे समय से भारत के साथ अपने संबंधों को उन्नत करने का इच्छुक था.
उन्होंने कहा कि हम समुद्री क्षेत्र साझा करते हैं. हम समुद्री पड़ोसी हैं. हम आईओआरए (हिंद महासागर रिम एसोसिएशन) के सदस्य हैं. यह इंगित करते हुए कि तंजानिया से भारत की लगातार उच्च-स्तरीय यात्राएं होती रही हैं, बेरी ने कहा कि नई दिल्ली भी साझेदारी को बढ़ाने में समान रूप से रुचि रखती है. उन्होंने कहा कि रक्षा साझेदारी में काफी प्रगति हुई है. दोनों देशों ने रक्षा साझेदारी बढ़ाने के लिए पांच साल का रोडमैप विकसित करने का फैसला किया गया है. संयुक्त बयान के अनुसार, राष्ट्रपति हसन की यात्रा के दौरान तंजानिया पक्ष ने डुलुटी में कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण टीम (आईएमटीटी) की तैनाती की सराहना की. साथ ही कहा गया कि 31 मई, 2022 और 2 अक्टूबर, 2023 को दार-ए-सलाम में दो बार रक्षा एक्सपो की सफल मेजबानी को ध्यान में रखते हुए, जिसमें कई भारतीय रक्षा कंपनियों की भागीदारी देखी गई थी, इसको लेकर दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में रुचि दिखाई.