रायपुर:हनुमान चालीसा में 40 दोहे हैं. हर दोहा स्वयं सिद्ध माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र ग्रंथ की रचना हनुमान जी के द्वारा ही गोस्वामी तुलसीदास जी के माध्यम से हुई है. इसका प्रत्येक दोहा अपने आप में शुभ माना जाता है. हनुमान चालीसा के सबी 40 दोहे व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास, धैर्य, संयम, धीरज और उच्च मनोबल का संचार करते हैं. इनका सुबह और शाम पाठ करना चाहिए. हनुमान जी के सामने बैठकर उनकी मूर्ति के सामने या फोटो के सामने इसका पाठ करने से अनेक तरह के लाभ मिलते हैं.
बल और विद्या देने वाले देवता हैं हनुमान जी:हनुमान जी बल और विद्या देने वाले देवता हैं. हनुमान जी अतुलित बल के स्वामी माने जाते हैं. अष्ट सिद्धि और नौ निधियों को प्रदान करने वाले कालजयी और अमर देवता माने गए हैं. हनुमान जी जब चाहे तब अपना रूप बदल सकते हैं. योग माया, योग बल और भुजाओं के बल की सिद्धि इस मंत्र के द्वारा होती हैं.
"भक्तवत्सल हनुमान जी इस महापाठ से शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं. जीवन में आने वाली चुनौतियों, विपदा, बाधाओं और कष्टों को हरने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. मंगलवार या शनिवार के शुभ दिन इसका महापाठ प्रारंभ करना चाहिए. प्रतिदिन स्नान ध्यान योग से निवृत्त होकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा प्रेरक ग्रंथ है. यह निराशा को आशा, अंधकार को उजियारा, असत्य को सत्य, अधर्म को धर्म के मार्ग पर प्रवर्तित करने का महान कार्य करता है. हनुमान चालीसा की प्रेरणा से बड़े-बड़े कार्य जल्दी सिद्ध हो जाते हैं.": पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य