हम देते हैं नेपाल को तेल, फिर भी वहां सस्ता, यहां महंगा क्यों? समझिए - Pankaj Darad
भारत का ही तेल नेपाल में है और हम ही उसकी तस्करी भी कर रहे हैं. वजह है नेपाल में भारत से सस्ता पेट्रोल-डीजल मिल रहा है. और तस्करी के लिए तरह-तरह के तस्कर जतन भी कर रहे हैं. आजकल तस्कर गाड़ी में ही तेल भरवा लेते हैं ताकि किसी को शक ना हो.
smuggling of petrol
By
Published : Mar 10, 2021, 10:27 PM IST
पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर आम इंसान को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. आम इंसान का बजट भी पेट्रोल-डीजल के दामों के बढ़ने से गड़बड़ हो गया है. नेपाल में भारत से 21 रूपये सस्ता पेट्रोल मिल रहा है. जिसके कारण नेपाल से पेट्रोल-डीजल की तस्करी जारी है. जिसकी वजह से भारत में पेट्रोल डीजल की बिक्री घटी है.
नेपाल में भारत से सस्ता पेट्रोल-डीजल इसी बढ़ती कीमतों के बीच पड़ोसी देश नेपाल की बात करें तो भारत की तुलना में बिहार के सटे नेपाल में पेट्रोल 23.55 रुपये और डीजल 21.98 रुपये सस्ता मिल रहा है. जिस वजह से नेपाल के सटे बिहार के जिले के कुछ छोटे पेट्रोल तस्कर इसका फायदा उठा रहे हैं.
नेपाल में पेट्रोल डीजल सस्ता
पेट्रोल की कीमत भारत से
23.55 रुपये कम
डीजल की कीमत भारत से
21.98 रुपये कम
भारत क्यों देता है नेपाल को तेल पुरानी संधि के मुताबिक इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन ही नेपाल के लिए ईंधन खाड़ी देशों से मंगवाता है. नेपाल और भूटान दाे देश तेल के बदले डाॅलर में भारत काे भुगतान करते हैं.
भारतीय पेट्रोल पंपों पर सन्नाटा नेपाल के पंपों पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री बेहिसाब बढ़ गई है. वहीं सीमाई क्षेत्र में भारतीय इलाके के पंपों पर सन्नाटा पसरा रह रहा है. बिहार में पेट्रोल ₹95 लीटर बिक रहा है. भारतीय क्षेत्र से महज 1 से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेपाल सीमा क्षेत्र में पेट्रोल और डीजल सस्ता मिल रहा है. इन दिनों नेपाल को प्रतिमाह भारत सरकार 1.80 लाख किलोलीटर ईंधन की आपूर्ति कर रही है. इसमें बरौनी, इलाहाबाद, गोड्डा, सिलीगुड़ी, बैतालपुर डिपो से नेपाल को टैंकर के माध्यम से तेल की आपूर्ति की जाती है. पिछले 5 वर्षों के दौरान निर्यात में करीब 96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
एसएसबी का बयान एसएसबी से मिल रही जानकारी के अनुसार नेपाल से रोज आने जाने वालों के अलावा मैदानी क्षेत्र और नाहर-नाली से होकर भी तस्करी की नियत से भी लोग गैलन भर भर कर भारतीय क्षेत्रों में खूब तेल बेच रहे हैं. मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी, चंपारण, मधुबनी जाने वाले मालवाहक नेपाल से तेल भरवाने लगे हैं.
'हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. इन दिनों पेट्रोल के दाम बढ़ने से लोग बॉर्डर के उस तरफ जाते हैं और गाड़ियों में पेट्रोल भराकर आ जाते हैं. अब गैलन, कंटेनर का इस्तेमाल तस्करी के लिए नहीं हो रहा है.'- पंकज दराद, आईजी, एसएसबी
पंकज दराद, आईजी, एसएसबी
तस्करी का नया तरीका बॉर्डर इलाकों में एसएसबी और अन्य पुलिस का पहरा होने के बावजूद गांव देहात के रास्ते तेल की तस्करी खुलेआम जारी है. एसएसबी के आईजी पंकज दराद के मुताबिक विगत कुछ दिन पहले गैलन भर कर नेपाल के रास्ते भारत आने जाने वाले कुछ तस्करों को पकड़ा गया था. जिसके बाद अब तस्करों ने नया तरीका अपना रखा है. तस्करों इन दिनों वाहन की टंकी में तेल भरकर आसानी से इस पार से उस पार हो रहे हैं. एसएसबी द्वारा लगातार ऐसे तस्करों को पकड़ने की कवायद की जा रही है.
'मध्यम वर्ग को बढ़ते दामों से काफी परेशानी हो रही है. अब सैलरी में घर चलाना मुश्किल हो रहा है. हमें तो अब गाड़ी चलाना छोड़ना होगा. और क्या कर सकते हैं.'- सोनू कुमार, उपभोक्ता
सोनू कुमार, उपभोक्ता
हम देते हैं नेपाल को तेल फिर नेपाल में सस्ता क्यों? अब सवाल खड़ा होता है कि जब भारत नेपाल को तेल देता है, फिर भारत की तुलना में नेपाल में सस्ता तेल कैसे मिलता है? भारत से नेपाल तेल रिफाइन होकर जाता है. रिफाइनरी शुल्क के अलावा आईओसी (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन) खरीद मूल्य पर ही नेपाल को तेल देता है.
एक्साइज ड्यूटी(केंद्र)
12%
स्पेशल वैट(बिहार)
26 %
इसे इस रूप में समझिए. पहले केंद्र की 12 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी, फिर बिहार में 26 प्रतिशत स्पेशल वैट, 12 प्रतिशत एंट्री टैक्स के रूप में, कुल मिलाकर करीबन 48.50 रूपए की वसूली होती है. यहां तक की प्रतिरूप तीन रुपए डीलर का कमीशन होता है. इससे बिहार में औसतन 95 रूपये लीटर पेट्रोल बिक रहा है. हालांकि नेपाल में जो एक टैक्स लगता है वह भारत की एक्साइज ड्यूटी से कम है.
त्राहिमाम कर रही जनता पेट्रोल और डीजल के दाम में बेतहाशा हो रही वृद्धि के मद्देनजर आम इंसान को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. आम इंसान के बजट पर भी इसका असर पड़ा है. लोगों की मानें तो पहले की अपेक्षा अपनी गाड़ियों में कम तेल ले रहे हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से राजधानी पटना के ऑटो, बस और मालवाहक वाहनों के भाड़े में भी बढ़ोत्तरी हुई है.