चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मौखिक टिप्पणी की कि क्यों न पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच करने के लिए न्यायमूर्ति ए अरुमुगास्वामी की अध्यक्षता में गठित आयोग से तीन महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा जाए.
इस आयोग का गठन पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार ने 75 दिनों तक यहां के अपोलो अस्पताल में भर्ती रहने के बाद पांच दिसंबर 2016 को जे जयललिता की हुई मौत की परिस्थितियों की जांच करने के लिए किया था.
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने चेन्नई के अधिवक्ता थोंडन सुब्रमणि की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह मौखिक टिप्पणी की. इस याचिका में याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह राज्य सरकार को सितंबर 2017 में गठित आयोग का कार्य समाप्त करने का निर्देश दें.