पटना:विपक्षी गठबंधन इंडिया की शनिवार यानी 13 जनवरी को वर्चुअल मीटिंग हुई. बैठक करीब दो घंटे चली. इसमें सीटों के बंटवारे और गठबंधन का संयोजकबनाने पर चर्चा हुई. बता दें कि इंडिया गठबंधन की चार बैठक हो चुकी है. पांचवी बैठक वर्चुअल माध्यम से हुई.
नीतीश क्यों नहीं बनना चाहते संयोजक? :: बैठक को लेकर बिहार के मंत्री संजय झा ने बताया कि नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव आया. इसकी नीतीश ने सहमति नहीं दी. नीतीश का शुरू से कहना रहा है कि कांग्रेस को ही चेयरपर्सन बनना चाहिए.
''अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. सीट शेयरिंग को लेकर कोई बात नहीं हुई है. सीएम नीतीश कुमार को संयोजक बनाने को लेकर इंडिया गठबंधन में प्रस्ताव आया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इनकार कर दिया. अभी उन्होंने कोई सहमति नहीं दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ही गठबंधन को लीड करे. अब पाटी के अंदर तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार सरकार
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश ने क्या कहा?: बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा ''मेरी किसी पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. हम चाहते हैं कि गठबंधन जमीन पर आगे बढ़े. जरूरी ये है कि गठबंधन में शामिल दलों में एकजुटता बनी रहे. सीट शेयरिंग सबसे बड़ी चुनौती है.'' साथ ही नीतीश कुमार ने बैठक में बड़े दलों के नेताओं के शामिल नहीं होने पर दो टूक कहा कि यह ठीक नहीं है.
कौन कौन बैठक में शामिल:वर्चुअल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, लालू यादव और तेजस्वी यादव (आरजेडी), बिहार के सीएम नीतीश कुमार (जेडीयू), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (आप), उमर अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), सीताराम येचुरी (सीपीआई-एम), डी राजा (सीपीआई), शरद पवार (एनसीपी-शरद पवार) और डीएमके की तरफ से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन शामिल हुए.
कौन कौन बैठक में नहीं हुए शामिल: तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी, शिवसेना (UBT) के उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन. अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए. सीट शेयरिंग के मुद्दे पर ममता ने पहले से ही कांग्रेस से दूरी बना रखी है. वह कांग्रेस को बंगाल में 2 सीटें देने पर अड़ी हैं. सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने की मांग को लेकर भी ममता खुश नहीं हैं.
बैठक को लेकर क्या बोली TMC :सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ बैठक करने में तृणमूल की कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही थी. टीएमसी के सूत्रों ने कहा कि वे सीट बंटवारे पर बैठक में एक प्रतिनिधि भी तैनात नहीं कर रहे हैं. तृणमूल सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने कांग्रेस को पहले ही सूचित कर दिया है कि तृणमूल कांग्रेस दो से अधिक सीटें नहीं देना चाहती है.
बिहार में लोकसभा की 40 सीट, कैसे होगा बंटवारा ? : बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. I.N.D.I.A में RJD, JDU, कांग्रेस के साथ ही लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं. यानी 40 लोकसभा सीटों के लिए छह पार्टियां दावेदार हैं. कांग्रेस नौ सीटें मांग रही है तो वहीं लेफ्ट पार्टियां भी 6 से ज्यादा सीटें चाहती हैं. बिहार के CM नीतीश कुमार की कोशिश है कि कम से कम उन सभी सांसदों का टिकट सुनिश्चित हो जो 2019 में जीते थे. RJD विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने को आधार बनाकर ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रही है.
सीट शेयरिंग को लेकर पेंच!:इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है. गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटें छोड़ने का दबाव बना रहे हैं. फिलहाल, ऐसा लग रहा है कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मुद्दा चुनौती भरा होगा. गठबंधन में शामिल पार्टियों सीटों के मुद्दे पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है.
पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: वहीं इंडिया गठबंधन में मचे घमासान को लेकर भाजपा हमलावर दिखाई दी. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इंडिया गठबंधन के अंदर नीतीश कुमार को अपमानित किया गया. तो वहीं नीतीश के फैसले ने राजनीतिक पंडितों को भी चौका दिया है.