हैदराबाद: जेनेवा (Geneva) में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) की मुलाकात हुई. दुनिया के दो सबसे ताकतवर देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात पर दुनियाभर की नजर थी. मुलाकात हुई और कुछ मुद्दों पर बात भी बनी लेकिन सुर्खियां पुतिन और अमेरिकी पत्रकारों के सवाल-जवाब ने बटोर ली. दरअसल बाइडेन और पुतिन की मुलाकात के बाद दोनों राष्ट्रपतियों ने अलग-अलेग मीडिया को संबोधित किया. इसी दौरान व्लादिमीर पुतिन से अमेरिकी पत्रकार ने कुछ तीखे सवाल पूछे.
अमेरिकी पत्रकार ने पुतिन से क्या पूछा ?
अमेरिकी पत्रकार ने पूछा- आपके राजनीतिक विरोधियों की सूची बहुत लंबी है जो या तो मर चुके हैं, या लंबे वक्त से जेल या कैद में हैं. एलेक्स नवेल्नी और उनके संगठन ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने और भ्रष्टाचार का अंत करने का आह्वान किया. लेकिन रूस ने उस संगठन को चरमपंथी बताकर गैरकानूनी घोषित कर दिया. ऐसे में सवाल है कि आप किससे डरते हैं?
पुतिन ने जवाब दिया कि- नवेल्नी के संगठन ने रूस के कानून तोड़ने का आह्वान किया था. पुतिन ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे प्रदर्शनों को रोकने की कोशिश कर रही है जैसे अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हुए.
अमेरिकी पत्रकार ने कहा कि- आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया, अगर आपके विरोधी जेल या कैद में हैं या उन्हें जहर दिया जाता है, तो क्या इसका ये संदेश नहीं जाता कि आप एक निष्पक्ष सियासी लड़ाई नहीं चाहते?
पुतिन ने अपने जवाब में6 जनवरी को अमेरिका में कैपिटल हिल पर धावा बोलने वाली भीड़ पर मुकदमा करने करने की तुलना रूस में राजनीतिक विरोध से करने की कोशिश की. पुतिन ने कहा कि कई देशों में वही होता है जो हमारे देश में हो रहा है. मानवाधिकार हनन के सवालों के जवाब में पुतिन गवांतानामो बे जेल और इराक युद्ध के दौरान नागरिकों के हताहत होने की ओर इशारा करके अमेरिका को ही घेरते दिखे.
पुतिन को किसने क्यों कहा 'हत्यारा' ?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन रूसी भाषा में बात कर रहे थे. अनुवादक के मुताबिक पुतिन ने एक वक्त पूछा कि हत्यारा कौन है ? पुतिन ने बाइडेन का उन्हें हत्यारा कहने पर ये सवाल पूछा था.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया था 'हत्यारा'
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ वक्त पहले एक इंटरव्यू के दौरान व्लादिमीर पुतिन को 'हत्यारा' बताया था. उस इंटरव्यू में पुतिन पर एलेक्स नवेलनी और दूसरे विरोधी नेताओं को जहर देने का आदेश देने का आरोप को लेकर सवाल पूछा गया था कि आप क्या सोचते हैं वो एक हत्यारे हैं ? जिस पर बाइडेन का जवाब हां था. इसके बाद दोनों देशों के बीच बड़ा राजनायिक संकट भी पैदा हुआ. इस बयान के बाद रूस ने अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और अमेरिकी राजदूत को वापस अमेरिका जाने के लिए कहा था.
जेनेवा में हुई बाइडेन-पुतिन की मुलाकात
गौरतलब है कि पुतिन पर बीते साल के अंत में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक अभियान के जरिये चुनाव में छेड़छाड़ की कोशिश के आरोप लगे थे. ये बात अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से सामने आई थी, जिसमें रूस पर पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पक्ष में चुनीवी नतीजे मोड़ने का आरोप लगा था.
अमेरिकी पत्रकार ने पुतिन से पूछा क्या आप हत्यारे हैं ?
जेनेवा में बाइडेन और पुतिन की मुलाकात से पहले अमेरिका के एनबीसी न्यूज़ चैनल ने 12 जून को व्लादिमीर पुतिन का एक इंटरव्यू लिया. अमेरिकी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान पत्रकार ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जो बाइडेन का उन्हें किलर कहने के बयान पर पूछा कि क्या आप एक हत्यारे हैं ? जिसपर पुतिन ने कहा कि उनपर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं. दरअसल व्लादिमीर पुतिन पर ये आरोप नए नहीं हैं. उनपर कई बार हत्या करवाने की कोशिश के आरोप लग चुके हैं.
एलेक्स नवेल्नी की हत्या की कोशिश
रूस पर कई बार विरोधियों की हत्या या इसकी कोशिश के आरोप लगते रहे हैं. रूस के विपक्षी नेता एलेक्स नवेल्नी (Alexei Navalny) राष्ट्रपति पुतिन के सबसे बड़े विरोधियों में शुमार हैं. उन्हें पिछले साल जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी. वक्त पर इलाज मिलने पर उनकी जान बच गई. अमेरिकी खुफिया एजेंसी इसके पीछे मॉस्को (रूस की राजधानी) का हाथ मानते हैं. यानि इसमें राष्ट्रपति पुतिन का हाथ माना गया. हालांकि रूसी प्रशासन की तरफ से इसका खंडन किया जाता रहा है. एलेक्स नवेल्नी फिलहाल गबन के एक मामले में जेल में हैं, जिसे वो सियासी साजिश करार देते रहे हैं.
एलेक्स नवेल्नी को जहर देकर हत्या की कोशिश का आरोप
बताया जाता है कि जेल में नवेल्नी की हालत ठीक नहीं है ऐसे में अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि अगर जेल में उनकी मौत होती है तो रूस को इसके परिणाम भुगतने होंगें. जेनेवा में पुतिन से मुलाकात के बाद बाइडेन ने पत्रकारों से सवाल जवाब के दौरान कहा कि हमारा जोर मानवाधिकारों के मुद्दों पर रहेगा और नवेल्नी को गलत तरीके से कैद किया गया है. अगर जेल में उनकी मौत होती है तो इसके भयानक परिणाम होंगे.
फिलहाल जेल में है एलेक्स नवेल्नी
नवेल्नी की तरह और भी हैं...
-रूस के ही एक और विपक्षी कार्यकर्ता व्लादिमीर कारा-मुर्जा (Vladimir Kara-Murza) के मुताबिक उन्हें कई बार जहर देकर मारने की कोशिश की गई. कारामुर्जा के मुताबिक लैब में हुए टेस्ट के दौरान उनके शरीर में पारा, तांबा, मैगनीज और जिंक के अवशेष मिले. हालांकि रूस उनके आरोपों को हर बार दरकिनार करता रहा है.
-साल 2012 में एक रूसी नागरिक एलेक्जेंडर पेरेपीलिछनी (Alexander Perepilichnyy) का शव लंदन में उनके घर पर मिला. बताया जाता है कि उन्हें चाय में जहर दिया गया था. उन्होंने रूसी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छानबीन करने वाली एक स्विस कंपनी की मदद की थी. जिसके बाद वो रूस से इंग्लैंड आ गए. उनकी संदेहास्पद मौत ने सवाल उठाए और उंगलियां फिर से रूस की तरफ उठी हालांकि इस बार भी रूस की तरफ से इसका खंडन किया गया.
मानवाधिकारों को लेकर रूस के खिलाफ अमेरिका
-यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर युशचेंकों (viktor yushchenko) भी रूस पर अपनी हत्या की कोशिश के आरोप लगा चुके हैं. उनके मुताबिक साल 2004 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक कार्यक्रम में उनके चेहरे पर जहरीला पदार्थ फेंका गया. युशचेंकों उस चुनाव में रूस समर्थक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव मैदान में थे. कई बार सर्जरी के बाद भी उनके चेहरे पर निशान बाकी हैं. हालांकि रूस इसमें भी अपने हाथ से इनकार करता रहा है.
-केजीबी (रूस की सुरक्षा एजेंसी) के पूर्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेंको की लंदन के एक होटल में चाय में जहर मिलाकर हत्या कर दी गई. जांच के दौरान चाय में पोलोनियम-210 नाम का जहरीला पदार्थ मिला था. आरोप है कि पुतिन के कहने पर एलेक्जेंडर लितविनेंको की हत्या की गई, हालांकि रूसी सरकार ने इससे इनकार किया.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
ऐसी हत्याओं को लेकर सवालों में रहा है रूस
साल 1978 में शीत युद्ध के दौर में बुल्गेरिया के विद्रोही मारकोव की जहरीली नोक वाले छाते से हत्या हो या फिर रूस के पूर्व जासूस सेरगेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी को जहर देने की. रूस और उनकी सुरक्षा एजेंसी केजीबी पर दुनियाभर में सवाल उठते रहे हैं. व्लादिमीर पुतिन के दौर में भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसकी वजह से रूस में विरोधियों की मौत या उन्हें जेल में डालने को लेकर पुतिन पर सवाल और 'हत्यारा' होने के आरोप लगते हैं.
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