दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

African Union in G20 : भारत G20 में अफ्रीकन यूनियन की स्थायी सदस्यता क्यों चाहता है? - अफ्रीकन यूनियन

ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत इस महीने नई दिल्ली में अंतर सरकारी मंच के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता के लिए जोर दे रहा है. ईटीवी भारत के अरुणिम भुइयां की रिपोर्ट.

African Union in G20
अफ्रीकन यूनियन की स्थायी सदस्यता

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2023, 7:59 PM IST

नई दिल्ली:नई दिल्ली इस साल 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है. भारत अंतर सरकारी मंच के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ (एयू) को शामिल करने के लिए जोरदार वकालत करेगा (African Union in G20).

इस वर्ष भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह के एजेंडे में अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं को एकीकृत करने पर जोर दिया है. G20 एक अंतरसरकारी मंच है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं. मोदी ने 55 देशों वाले एयू को समूह का स्थायी सदस्य बनाने के लिए सदस्य देशों के सभी नेताओं को पत्र लिखा है. मोदी ने नई दिल्ली में जी20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन से तीन महीने पहले यह अपील की थी.

मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की सलाहकार और अफ्रीका की विशेषज्ञ रुचिता बेरी ने ईटीवी भारत को बताया, 'शुरू से ही भारत ने कहा कि उसकी जी20 की अध्यक्षता ग्लोबल साउथ के लिए एक आवाज़ होगी.' रुचिता बेरी ने कहा कि 'अफ्रीका ग्लोबल साउथ का दिल है. भारत अफ़्रीका को बहुपक्षीय मंच पर सबसे आगे लाना चाहता है.'

इथियोपिया और एयू में पूर्व भारतीय राजदूत और वर्तमान में एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर सीआईआई टास्क फोर्स के अध्यक्ष गुरजीत सिंह के अनुसार, भारत की जी20 की अध्यक्षता में भारत की अफ्रीका नीति को और बढ़ावा देने की क्षमता है.

सिंह ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के लिए 'इट्स टाइम फॉर अफ्रीका' शीर्षक से लिखे लेख में कहा, 'एक नवीनीकृत अफ्रीकी नीति G20 की अध्यक्षता में भारत को ग्लोबल साउथ (VOGS) की आवाज़ के रूप में प्रतिष्ठित करेगी.'

उन्होंने कहा कि 'चूंकि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज़ है, इसलिए विशेष रूप से अफ़्रीका के लिए बोलना महत्वपूर्ण है.' उन्होंने कहा कि 'अफ्रीका को (कोविड-19) महामारी और यूक्रेन संघर्ष के परिणामों से गहरा नुकसान हुआ है.'

G20 की अध्यक्षता संभालने के बाद, भारत ने इस साल जनवरी में वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ (VoGS) का एक वर्चुअल समिट आयोजित किया. 'आवाज़ की एकता, उद्देश्य की एकता' विषय पर आयोजित शिखर सम्मेलन में लगभग 120 देशों ने भाग लिया.

शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा था कि 'भविष्य में ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. तीन चौथाई आबादी यहां रहती है, हमारी भी समतुल्य आवाज होनी चाहिए. इसलिए, जैसे-जैसे वैश्विक शासन का आठ दशक पुराना मॉडल धीरे-धीरे बदल रहा है, हमें उभरती व्यवस्था को आकार देने का प्रयास करना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि 'हमने इसे कोविड महामारी, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और यहां तक ​​कि यूक्रेन संघर्ष के प्रभावों में देखा है.' 'समाधान की खोज में हमारी भूमिका या हमारी आवाज़ भी मायने नहीं रखती. भारत ने हमेशा अपने विकासात्मक अनुभव को ग्लोबल साउथ के हमारे भाइयों के साथ साझा किया है. हमारी विकास साझेदारियां सभी भौगोलिक क्षेत्रों और विविध क्षेत्रों को कवर करती हैं. हमने महामारी के दौरान 100 से अधिक देशों को दवाएं और टीके की आपूर्ति की. भारत हमेशा हमारे साझे भविष्य के निर्धारण में विकासशील देशों की बड़ी भूमिका के पक्ष में रहा है.'

ईटीवी भारत से बात करते हुए रुचिता बेरी ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और ब्रेटन वुड्स संस्थानों जैसे अन्य बहुपक्षीय मंचों पर अफ्रीका के लिए जगह बनाने के लिए लड़ाई लड़ी है.

उन्होंने कहा कि 'यह बिल्कुल स्वाभाविक है क्योंकि भारत के अफ्रीकी देशों के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं. भारत ने सोचा कि इस वर्ष के शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 में एयू की स्थायी सदस्यता के लिए जोर देना उचित होगा.'

ये भी पढ़ें

G20 Summit : मेहमानों के सुरक्षा घेरे में स्नाइपर्स समेत हजारों जवान शामिल, स्टैंडबाय पर एयरफोर्स के जेट

G20 Summit : 'जीतू भैया' से समझिए जी20 का एजेंडा, लेजर शो, शिल्प बाजार और डिजिटल शो की देखिए झलक

Haryana Cuisine at G20: जी-20 में आने वाले मेहमानों को मिलेंगे हरियाणा के ये खास व्यंजन, कृषि मंत्री ने दी जानकारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details