नई दिल्ली : भारत ने पिछले सप्ताह 20 जुलाई को चावल निर्यात पर बड़ा फैसला लिया. मोदी सरकार ने नॉन बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा कर दी. इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया. बासमती और बॉयल राइस कैटेगरी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया. इसका निर्यात जारी है.
आपको यह जरूर लग रहा होगा कि बासमती और बॉयल कैटेगरी का निर्यात हो रहा है, तो इससे एक्सपोर्ट पर क्या असर पड़ेगा. लेकिन उत्पादन और बाजार के आंकड़े देखेंगे, तो आप भी यह कहने पर मजबूर होंगे कि सरकार ने जो फैसला लिया है, उस पर दोबारा विचार किया जा सकता है.
दरअसल, वैश्विक व्यापार में भारत 22 मिलियन टन चावल का निर्यात करता है. और 22 मि. टन चावल में से 18 मि.टन चावल नॉन बासमती कैटेगरी की ही है. चार मि.टन चावल बॉयल राइस या फिर बासमती कैटेगरी में आता है. पूरी दुनिया में 45 मिलियन टन चावल का निर्यात किया जाता है.
पिछले साल भारत ने टूट वाले चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. यह कदम घरेलू कीमतों पर नियंत्रण के लिए लगाया गया था. इसके बावजूद भारत ने इंडोनेशिया, सेनेगल, गांबिया, माली और इथियोपिया को चावल निर्यात किया.
प्रतिबंध की वजह - इसका कारण यह बताया गया कि क्योंकि त्योहार का मौसम आने वाला है, इसलिए घरेलू बाजार में आपूर्ति प्रभावित न हो, इसे सुनिश्चित किया गया है. साथ ही इसकी बढ़ती कीमत पर भी लगाम लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. उनकी राय में इस तरह के मामले काफी संवेदनशील होते हैं और विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है. टमाटर की कीमत पहले ही आसमान को छू रही है.
पिछले एक साल में चावल की कीमतों में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. सरकार ने पिछले साल भी अगस्त के महीने में इसी कैटेगरी के चावल के एक्सपोर्ट पर 20 फीसदी का निर्यात शुल्क लगा दिया था. वैसे, तब बाजार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और निर्यात भी पहले की भांति रहा. जानकार बताते हैं कि अल-नीनो और मौसम में बदलाव की वजह से दुनिया के दूसरे देशों में चावल उत्पादन प्रभावित हुआ है.
नॉन बासमती कैटेगरी में भारत ने साल 2021-2022 में 33.66 लाख टन, 2022-2023 में 42.12 लाख टन चावल का निर्यात किया था. इसके अगले साल 2023-24 में सिर्फ तीन महीने (अप्रैल-जून) में ही 15.54 लाख टन चावल का निर्यात कर दिया गया. यही वजह थी कि सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक की घोषणा कर दी.
लेकिन भारत के इस फैसले से चावल का वैश्विक बाजार प्रभावित हो गया. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है. निर्यात पर पाबंदी के बाद वैश्विक बाजार में हलचल मच गई. भारत जितना चावल का निर्यात करता था, उसकी मात्रा आधी हो गई.
अमेरिकी बाजार और स्टोर्स में चावल खीरदने वालों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं. कई जगहों पर चावल की राशनिंग कर दी गई. कुछ जगह लूट की भी खबरें आईं. वहां रहने वाले भारतीयों ने चावल की कई बोरियां खरीदकर स्टोर कर लिया.