नई दिल्ली/जयपुर : क्या राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है ? क्या सचिन पायलट की अनदेखी की जा रही है ? क्या प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से मिलने से इनकार कर दिया ? मीडिया में ये सारे सवाल लगातार घूम रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने इन सारे सवालों के साफ-साफ जवाब दिए हैं. उन्होंने कहा कि पायलट हमारे सीनियर नेता हैं. वह हमारे एसेट हैं. स्टार लीडर और प्रचारक भी हैं. ऐसे में उनकी अनदेखी कभी नहीं की जा सकती है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि यह खबर भी गलत है कि प्रियंका गांधी ने उन्हें समय नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी खुद 10 दिनों से दिल्ली में ही नहीं हैं. यह सर्वविदित है. ऐसे में समय नहीं देने का तो सवाल ही नहीं उठता.
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि सचिन पायलट की प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और मुझसे लगातार बातचीत होती रही है. वह सभी नेताओं के संपर्क में हैं.
कैबिनेट में फिलहाल 9 पद खाली
कई विधायकों की बयानबाजी पर माकन ने कहा राजस्थान कैबिनेट में फिलहाल नौ पद खाली हैं. राजनीतिक नियुक्तियां भी होनी हैं. इन सब मुद्दों पर काम चल रहा है. पार्टी प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सीनियर लीडर सीपी जोशी सबसे बात कर रहे हैं. पार्टी अच्छे लोगों को नियुक्त करेगी.
कांग्रेस का जन्म त्याग और बलिदान से हुआ
माकन ने कहा सभी विधायकों को समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस का जन्म त्याग और बलिदान से हुआ है. जब भी राजनीतिक नियुक्तियां होंगी, तो हमेशा इस बात का ध्यान रख जाएगा कि कौन अनुशासित सिपाही है. विधायकों को मेरी यही राय है कि अनुशासन का ख्याल रखें. पार्टी फोरम पर अपनी बात रखें, सार्वजनिक मंच पर नहीं.
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कैबिनेट विस्तार कब होगा, इस सवाल के जवाब में माकन ने कहा हम सभी लोगों से बात कर रहे हैं. पिछले वर्ष राजनीतिक संकट था, ऐसे में समय लग गया. अब हमारी कोशिश है वरिष्ठता और वर्गों को ध्यान में रखते हुए ही नियुक्तियां करेंगे. माकन ने कहा पार्टी में ऑल इज वेल है, विपक्ष को कोई मौका नहीं मिलेगा. विपक्ष पहले अपना घर संभाले.
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आपको बता दें कि राजस्थान कांग्रेस में फिर से उबाल उस समय आ गया जब पायलट ने यह कहा कि उनकी समस्याओं को सुनने के लिए बनाई गई कमेटी अपना काम करने में असफल रही है. इसके बाद वे दिल्ली भी आए. यहां आने के बाद उनकी किन नेताओं से बात हुई, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया. मीडिया के एक वर्ग में यह खबर चली थी कि उनकी कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात नहीं हो सकी, इसलिए वह जयपुर लौट आए.
सूत्र ये भी बताते हैं कि अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जल्दीबाजी नहीं चाहते हैं. पायलट गुट के किन विधायकों को समायोजित किया जाएगा, इस पर स्थिति साफ नहीं हुई है.