नागपुर:नागपुर में खान, खनिज और धातुओं पर एक सम्मेलन- मिनकॉन 2022 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सम्मेलन में बोलते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई है. उन्होंने कहा कि देश भर में सड़कों का जाल बुनते हुए अपने ही घर के सामने 2 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 11 साल से लगे हुए हैं. लेकिन फिर भी सड़क नहीं बनावा सके. 30 बैठकें हो चुकी हैं. आज जब वे अधिकारी मेरे सामने आते हैं, तो मुझे उनके चेहरे देखकर शर्म आती है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि है कि मुझे साफ-साफ बोलने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश का विकास कैसे होगा.
उन्होंने कहा कि मैंने एक अफसर से कहा, तुम पत्नी से प्यार करते हो ठीक है, फाइल से क्यों करते हो उसे तो निकाल दो. उन्होंने मंच पर उपस्थित नेताओं और मंत्रियों से कहा कि अगर अधिकारी काम नहीं करता है, तो यह आपकी गलती है. लोग हमसे कहेंगे, सरकार हमारी है. जिम्मेदारी आपकी है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर अधिकारी समय पर काम पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें जवाबदेह बनाकर बर्खास्त कर दें. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के विकास की नींव खनन और वन पर आधारित है, और केवल खनन आधारित उद्योग ही विदर्भ क्षेत्र की प्रगति को गति दे सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खनन क्षेत्र पर आधारित उद्योग विदर्भ क्षेत्र की प्रगति को गति दे सकते हैं- नितिन गडकरी : उन्होंने कहा कि विदर्भ क्षेत्र में महाराष्ट्र के 75 प्रतिशत खनिज और 80 प्रतिशत वन संसाधन हैं और इनके उचित उपयोग से ऊर्जा क्षेत्र में विदर्भ क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए जल, ऊर्जा और संचार में अधिक निवेश आवश्यक है. उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा किए गए आमूल-चूल परिवर्तन के कारण ही कोयला उत्पादन में वृद्धि हुई है. गडकरी ने कहा कि भारत की ऊर्जा जरूरतें बढ़ रही हैं और भविष्य में और कोयले की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि केवल विदर्भ क्षेत्र ही इस जरूरत को पूरा कर सकता है.
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नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र का अनुसरण करते हुए राज्य सरकारों को भी आधुनिक कार्य प्रणालियों का उपयोग करके समय की बचत करनी चाहिए. उन्होंने राज्य सरकारों से समय नियोजन और पारदर्शिता पर जोर देते हुए इन क्षेत्रों के लिए आवश्यक लाइसेंस जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया. इन क्षेत्रों को कोयले से अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया का उत्पादन कर देश के यूरिया आयात को 60 हजार करोड़ रुपये तक कम करना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि इन क्षेत्रों को अब 17 लाख करोड़ रुपये के ईंधन आयात को कम करने के लिए नई नीतियां बनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बंद खदानों के लिए अभी कदम उठाने होंगे और अगर खदान आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है तो नीतियों में ढील देनी होगी.
गडकरी ने कहा कि देश को 60 लाख टन मैंगनीज की जरूरत है और इसे पूरा करने के लिए विदर्भ क्षेत्र को पहल करनी चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कोयले के बाजार मूल्य के आधार पर रॉयल्टी का समाधान खोजने के लिए खनन उद्योग और निवेशकों को एक साथ आना चाहिए. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र के लिए पारदर्शिता, समय पर कामकाज और भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रियाएं बहुत जरूरी हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह विदर्भ क्षेत्र में नए कोयला खनन के लिए संबंधित मंत्रियों और सभी विभागों के अधिकारियों के बीच उचित समन्वय और संपर्क बनाये रखने का प्रयास करेंगे.
14-16 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन में विभिन्न सरकारी संगठनों के अधिकारी और खनन और खनिज क्षेत्र के निवेशक भाग ले रहे हैं. महाराष्ट्र राज्य खनन निगम (एमएसएमसी) और विदर्भ आर्थिक विकास परिषद ने संयुक्त रूप से नागपुर में इस सम्मेलन का आयोजन किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की. इस सम्मेलन में महाराष्ट्र के वन और पर्यावरण मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, महाराष्ट्र के खनिज मंत्री दादाजी भूसे, वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव हर्षदीप कांबले, महाराष्ट्र खनन निगम के अध्यक्ष आशीष जायसवाल, विदर्भ आर्थिक विकास परिषद के अध्यक्ष देवेंद्र पारिख भी शामिल हुए.