वाराणसी: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के 13 फरवरी को प्रयागराज दौरे से पहले वाराणसी एयरपोर्ट पर उनके विमान को उतरने न देने के आरोपों के बीच मामला सच और झूठ में फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. एक तरफ जहां कांग्रेस नेता अजय राय ने आरोप लगाया है कि सरकार के इशारे पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने राहुल गांधी के जहाज को उतरने की इजाजत नहीं दी तो, वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी इस पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए अपना बयान जारी किया है. जारी किए गए बयान में खुद एयरपोर्ट डायरेक्टर ने यह स्पष्ट किया है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं. इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है.
दरअसल, कांग्रेस नेता अजय राय ने दावा किया था कि 14 फरवरी को राहुल गांधी को प्रयागराज के आनंद भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाना था. जिसके लिए वह वायनाड से 13 फरवरी की रात अपने चार्टर प्लेन से वाराणसी पहुंचने वाले थे. पहले से मिली सूचना और निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक राहुल गांधी को लेकर प्रशासनिक तैयारियां भी पूरी थीं, जिसका बकायदा प्रोटोकॉल भी जारी किया गया था.
यही वजह है कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी के आगमन के लिए उनके स्वागत की तैयारी करके एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन रात लगभग 10:30 बजे अचानक से एयरपोर्ट पर राहुल गांधी के न आने की सूचना मिली. कांग्रेस नेता अजय राय ने यह आरोप लगाया है कि रात 10:45 पर राहुल गांधी का एयरक्राफ्ट यहां उतरना था लेकिन राहुल गांधी की लोकप्रियता से डरी हुई भाजपा सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को उनके प्लेन को उतरने न देने के आदेश दिए, जिसके बाद उनका जहाज बनारस में लैंड ही नहीं कर सका.