सोनभद्र :बारिश में गरीब की झोपड़ी क्या टूटी, दुखों को पूरा पहाड़ टूट पड़ा. बेचारा परिवार आठ बच्चों सहित सामुदायिक शौचालय (community toilet ) में रहने को मजबूर हो गया. बात हो रही है सोनभद्र (sonbhadra) के चोपन नगर (Chopan Nagar) की.
लगातार हो रही बारिश के कारण सोनभद्र (sonbhadra) के चोपन नगर पंचायत (Chopan Nagar Panchayat) क्षेत्र के वार्ड नंबर 8 में एक मल्लाह परिवार का आशियाना शनिवार रात टूट गया. झोपड़ी के ऊपर नीम का पेड़ गिर गया. परिवार में कोई हताहत तो नहीं हुआ पर झोपड़ी तहस-नहस हो गई. परिवार, बेघर होकर शौचालय में रहने पर मजबूर हो गया. पूरा परिवार अब तक सामुदायिक शौचालय में शरण लिए हुए है.
सामुदायिक शौचालय में शरण लिए हुए पीड़ित परिवार नहीं मिली दूसरी किस्त
पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत नगर पंचायत चोपन से आवास आवंटित हुआ था, लेकिन दूसरी किस्त का पैसा न मिलने से आवास नहीं बन सका. इसी वजह से आज सभी शौचालय में शरण लिए हुए हैं.
इस संबंध में नगर पंचायत चोपन के अधिशासी अधिकारी का कहना है कि पीड़ित परिवार किसी वजह से पहली किस्त मिलने के बाद आवास निर्माण नहीं शुरू करा सका, इसी वजह से पूरा भुगतान नहीं किया जा सका. जब तक इनका आवास नहीं बन जाता उनके रहने की व्यवस्था कांशीराम आवास में करवाई जा रही है.
इस बाबत जब नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी महेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि घरेलू विवाद की वजह से पहली किस्त पास होने के बावजूद भी पीड़ित परिवार, मकान का निर्माण नहीं करा सका. फिलहाल कांशीराम शहरी आवास योजना के खाली कमरों में अस्थाई रूप से रहने की व्यवस्था करा दी जाएगी. जब तक उनका प्रधानमंत्री आवास बन कर तैयार नहीं हो जाता है, तब तक परिवार वहीं रहेगा.
इसे भी पढ़ेंःपहाड़ों पर बारिश से मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा, अलर्ट जारी
मिली जानकारी के अनुसार राजेंद्र निषाद पुत्र रामलाल, मलैया टोला के वार्ड नंबर 8 में रहते थे. वह दिव्यांग हैं और राजगीर का काम करते हैं. लगातार हो रही बारिश की वजह से दिव्यांग व्यक्ति की झोपड़ी पर शनिवार रात नीम का विशालकाय पेड़ गिर गया. इससे गरीब का आशियाना उजड़ गया. इसमें वह 6 बेटियों, 2 बेटों व पत्नी सहित रहते थे. इस बाबत जब राजेंद्र निषाद की पत्नी मीरा देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पिछले 10-15 साल से झोपड़ी में निवास कर रहे हैं.
नगर पंचायत द्वारा लगभग दो वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत प्रथम किस्त निर्गत की गई, लेकिन दूसरी किस्त के अभाव में गरीब का पक्का मकान नहीं बन सका. बारिश और हवा तेज होने की वजह से घर के सारे सदस्य पास बने सामुदायिक शौचालय में भागकर चले गए.