भोपाल : फटी जींसपहनने को लेकर सियासी बवाल अभी थमा नहीं है. अपने बयान पर अड़ीं मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने एक बार फिर लड़कियों के फटे जींस पहनने को दरिद्रता की निशानी बताया है. ऊषा ठाकुर ने कहा कि भारतीय संस्कृति कालजयी विश्व विजय जगतगुरु संस्कृति है. जिसमें फटे कपड़े पहनने दरिद्रता का द्योतक है.
ऊषा ठाकुर ने कहा कि मेरी दादी-नानी कहती थीं कि जो कपड़ा फट जाए, उसे तुरंत त्याग दो. भारतीय संस्कृति में फटा कपड़ा पहनना निषेध है. इसलिए जो भी संस्कृति और परंपरा को मानते हैं वो फटा कपड़ा न पहनें.
बता दें कि कि बीते दिनों उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं की फटी जींस पहनने को लेकर विवादित बयान दिया था. कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा था कि फटे कपड़े पहनना अपशकुन है.
इससे पहले भी उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह की बात का समर्थन ऊषा ठाकुर और विश्वास सारंग कर चुके हैं. तो वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह ने भाजपा नेताओं की मानसिकता को फटी मानसिकता बताया था.
सीएम तीरथ सिंह रावत ने फटी जींस पर दिया था बयान
एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.
पढ़ें -गठबंधन सरकार में किसी को स्थिति नहीं बिगाड़नी चाहिए: अजित पवार
उन्होंने इस संबंध में एक घटना का भी उल्लेख किया और कहा कि एक बार जब वह हवाई जहाज में बैठे तो उनके साथ एक महिला बैठी थीं, जो गम बूट पहने हुई थीं, उनकी जींस घुटनों पर फटी थी, हाथों में कई कड़े थे और उनके साथ दो बच्चे भी थे. रावत ने कहा कि वह महिला एनजीओ चलाती हैं, जो समाज के बीच में जाती हैं और स्वयं उनके दो बच्चे हैं लेकिन घुटने फटे हुए हैं, तो ऐसे में वह क्या संस्कार देंगीं.
फटी जींस पर कांग्रेस ने मांगा था इस्तीफा
कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने ऊषा ठाकुर के इस्तीफे की मांग की है. साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री को महिलाओं और बहनों से माफी मांगने की बात कही.
दिनेश गुर्जर ने भाजपा के नेताओं और सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. जिस तरह प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक तरफ कन्याओं का पूजन करते हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री बयानबाजी कर महिलाओं का अपमान करते हैं.