हैदराबाद :वैश्विक रूप से 87 मलेरिया स्थानिक देशों में, 2019 में अनुमानित 229 मिलियन मलेरिया के मामले सामने आए थे. यह मामले वर्ष 2000 में सामने आए मामलों से कम हैं. वर्ष 2000 में मलेरिया के 238 मिलियन मामले थे. वर्ष 2015 में अनुमानित 218 मिलियन मलेरिया के मामले सामने आए थे.
प्लास्मोडियम विवैक्स के कारण मामलों का अनुपात 2000 में लगभग 7% से घटकर 2019 में 3% हो गया. मलेरिया के मामले (प्रति 1000 लोगों पर) 2000 में 80 से घटकर 2015 में 58 हो गए और 2019 में 57 हो गए.
2000 और 2015 के बीच वैश्विक मलेरिया के मामलों में 27 प्रतिशत गिरावट देखी गई. वहीं 2015 से 2019 में सिर्फ दो प्रतिशत गिरावट आई. विश्व के 29 राष्ट्रों में मलेरिया के 95 प्रतिशत मामले सामने आए. नाइजीरिया (27%), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (12%), युगांडा (5%), मोजाम्बिक (4%) और नाइजर (3%).
विश्व स्वास्थ्य संगठन अफ्रीकी क्षेत्र में, 2019 में अनुमानित 215 मिलियन मामले (लगभग 94%) सामने आए थे. हालांकि, डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्र में 2019 की तुलना में वर्ष 2000 (204 मिलियन) में मलेरिया के मामले कम थे. इस अवधि में प्रति 1000 आबादी पर 363 से घटकर 225 मामले सामने आए.
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में विश्व स्तर पर मलेरिया के तीन प्रतिशत मामले सामने आए हैं. मलेरिया के मामलों में 73% की कमी हुई, मामले 2000 में 23 मिलियन से 2019 में लगभग 6.3 मिलियन हो गए. इस क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में 78% की कमी आई, वर्ष 2000 में प्रति 1000 जनसंख्या पर 18 मामलों से यह मामले 2019 में प्रति 1000 जनसंख्या पर चार हो गए.
डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया के सबसे कम मामले भारत में मिले हैं. भारत में वर्ष 2000 में जहां मलेरिया के करीब दो करोड़ मामले सामने आए, वहीं 2019 में मलेरिया के मामलों की संख्या घटकर लगभग 56 लाख हो गई है.