पटना: बिहार की राजधानी पटना में 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठकआयोजित की जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक की अध्यक्षता करेंगे. क्षेत्रीय परिषद सशक्त राज्य के निर्माण में सहायक भूमिका निभाता है. केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर नियमित संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और मंच भी प्रदान करती है. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार के अलावा झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल है.
तीन राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं ले रहे हिस्सा : पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की मेजबानी बिहार कर रहा है. ऐसे में सरकार की भूमिका अहम है. तेजस्वी यादव तो पटना में मौजूद नहीं हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मौजूद रहेंगे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. तीनों राज्यों ने प्रतिनिधियों को भेजने का फैसला लिया है.
"पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक राज्यों के हितों से जुड़ा हुआ है और केंद्र सरकार राज्यों के हितों को लेकर चिंतित है. कुछ राज्य के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. यह चिंताजनक स्थिति है. अगर वह वाकई राज्यों के हितों को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें बैठक में हिस्सा लेना चाहिए."-प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
झारखंड से रामेश्वर उरांव होंगे प्रतिनिधि : पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद तो नहीं आ रहे हैं, लेकिन सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नेता रामेश्वर उरांव बैठक में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं. रामेश्वर उरांव झारखंड सरकार में वित्त मंत्री हैं और उनकी नंबर दो की हैसियत है. इसके अलावा वेलफेयर मिनिस्टर चंपई सोरेन भी बैठक में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं. चंपई सोरेन कल्याण मंत्री हैं और सरकार में इनकी दखल मजबूत मानी जाती है.
झारखंड के अधिकारियों की टीम भी बैठक में लेगी हिस्सा : झारखंड राज्य से अधिकारियों की टीम भी बैठक में हिस्सा लेने पहुंच रही है. एसीएस होम अविनाश कुमार भी बैठक में हिस्सा लेंगे. जीपी अजय कुमार भी बैठक में शामिल होंगे. इसके अलावा वित्त विभाग के प्रधान सचिव भी बैठक में शामिल होने वाले हैं. वहीं ओडिशा राज्य की अगर बात करे तो नवीन पटनायक बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी ओर से प्रदीप कुमार अमात नामित किए गए हैं.