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डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह, भारत में कोविशील्ड के नकली वर्जन की हुई पहचान

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उसने भारत की प्राथमिक कोविड वैक्सीन, कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान कर ली है. एक मीडिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई है.

डब्ल्यूएचओ
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Published : Aug 19, 2021, 8:24 PM IST

नई दिल्ली :­­­विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उसने भारत की प्राथमिक कोविड वैक्सीन, कोविशील्ड के नकली वर्जन की पहचान कर ली है. बीबीसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. डब्ल्यूएचओ के एक बयान में कहा गया है कि जुलाई और अगस्त के बीच में भारत और अफ्रीका में अधिकारियों ने खुराक को जब्त कर लिया है. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पुष्टि की है कि खुराक नकली थी.

डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी कि नकली टीके वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं. इसलिए टीकों को प्रयोग करने से मना किया गया. कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का भारतीय निर्मित वर्जन है और अब तक 48.6 करोड़ से अधिक खुराक के साथ भारत में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला टीका है.

सीरम ने एशिया,अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों को लाखों कोविशील्ड टीकों की आपूर्ति की थी. विभिन्न सरकारों और गरीब देशों के लिए वैश्विक कोवैक्स योजना के साथ किए गए सौदों के हिस्से के रूप में यह आपूर्ति की गई थी.

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भारत दुनिया का दूसरा सबसे बुरी तरह से प्रभावित कोरोना देश है और इसका का लक्ष्य इस साल के अंत तक अपने सभी लोगों का टीकाकरण करना है. इस साल जनवरी में अभियान की शुरुआत के बाद से लगभग 13 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है.

(आईएएनएस)

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