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Youtuber Badri Sheshadri : कौन हैं बद्री शेषाद्रि, जिनके खिलाफ सिर्फ एफआईआर होने पर ही स्टालिन सरकार ने किया गिरफ्तार - मुख्य न्यायाधीश मणिपुर शेषाद्रि

बद्री शेषाद्रि की गिरफ्तारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध जारी है. शेषाद्रि अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं. शनिवार को तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. शेषाद्रि ने मणिपुर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और तमिल लेखकों की आलोचना की थी.

Tamil Nadu sheshadri arrested
तमिलनाडु में बद्री शेषाद्रि की गिरफ्तारी

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Published : Jul 30, 2023, 6:12 PM IST

नई दिल्ली : तमिलनाडु पुलिस ने दक्षिणपंथी विचारधारा के लेखक, पत्रकार और विचारक बद्री शेषाद्रि को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी जबदरस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. यहां तक कि भाजपा के विरोधी मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. शेषाद्रि ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर टिप्पणी की थी.

कौन हैं शेषाद्रि, इसे जानने से पहले समझिए पूरा मामला. बद्री शेषाद्रि ने मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रवैए पर सवाल उठाए थे. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि अगर इस मामले पर केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठाती है, तो वह खुद कदम उठाएंगे. सीजेआई की इस टिप्पणी पर शेषाद्रि ने कहा कि मणिपुर एक पहाड़ी राज्य है और यहां का समाज अलग प्रकार का है. शेषाद्रि के अनुसार यहां पर आपसी मारपीट और बहुत हद तक हिंसा कॉमन है और आप इसे नहीं रोक सकते हैं. शेषाद्रि ने न सिर्फ सीजेआई की टिप्पणी को गैर जरूरी बताया, बल्कि उन सबों पर भी टिप्पणी की, जिन्होंने मणिपुर मामले पर केंद्र सरकार के रूख का विरोध किया था.

अपनी आलोचना के क्रम में शेषाद्रि ने तमिल लेखकों को भी खूब खरी-खोटी सुनाई. तमिल लेखकों ने मणिपुर मामले के लिए केंद्र सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराया है. उना कहना रहा है कि राज्य और केंद्र, दोनों जगहों पर एक ही पार्टी की सरकार है, फिर भी वे हिंसा नहीं रोक पा रहे हैं.

शेषाद्रि अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं. उनका पब्लिकेशंस है. इसका नाम किझक्कू पथिप्पगम है. पिछले साल डीएमके सरकार ने उन्हें तमिल इंटरनेट एजुकेशन काउंसिल की एडवायजरी काउंसल निकाल दिया था. उन्हें तब निकाला गया, जब शेषाद्रि ने डीएमके संस्थापक सीएन अन्नादुरई के खिलाफ टिप्पणी की थी. बद्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153ए और 505बी लगाई गई है. उन पर दंगा भड़काने और वैमनस्य बढ़ाने के आरोप लगाए गए हैं. शेषाद्रि के खिलाफ कवियसुरु नाम के एक वकील ने शिकायत की है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने डीएमके सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होने कहा कि एमके स्टालिन की सरकार सिर्फ गिरफ्तारियों पर ही चल रही है. अन्नामलाई ने कहा कि राज्य सरकार अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट रही है. मशूहर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को आलोचना करने का अधिकार है. गुहा ने कहा कि अगर किसी ने कोई गलती की है, तो कोर्ट है, सजा कोर्ट देगी. उन्होंने कहा कि शेषाद्रि मामले में सजा या बरी का अधिकार कोर्ट का है. उनके अनुसार अगर सरकार सिर्फ एफआईआर के आधार पर ही किसी को गिरप्तार कर ले, तो यह उचित नहीं है और मैं अपील करता हूं कि उन्हें रिहा किया जाए.

राजनीतिक विश्लेषक सुमंत रमन ने कहा कि हम शेषाद्रि की विचारधारा और उनकी बातों से किसी भी तरह सहमत नहीं हैं, लेकिन सुबह-सुबह पांच बजे जिस तरीके से गिरफ्तार किया गया, वह दर्शाता है कि सरकार अपने विरोधियों की आवाज को दबा रही है.

मद्रास रिपोर्टर्स गिल्ड ने भी शेषाद्रि के पक्ष में बयान जारी किया है. गिल्ड ने कहा कि अगर गलती शेषाद्रि की है, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए, और सजा कोर्ट में दी जाती है, लेकिन सिर्फ मुकदमा दायर होने के आधार पर ही किसी की गिरफ्तारी कर लेंगे, तो यह सही नहीं है.

गिल्ड के अध्यक्ष आर रंगराज और सचिव डी. शेखर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि डीएमके सरकार ही यह काम कर रही है, बल्कि इसके पहले एआईएडीएमके ने भी किसी न किसी तरीके से पत्राकरों के खिलाफ केस दर्ज करवाए थे. लेकिन गिल्ड अपील करता है कि डीएमके उसका अनुसरण न करे, जो काम एआएडीएमके ने किया था. शेषाद्रि 11 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में है.

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