नई दिल्ली : तमिलनाडु पुलिस ने दक्षिणपंथी विचारधारा के लेखक, पत्रकार और विचारक बद्री शेषाद्रि को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी जबदरस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. यहां तक कि भाजपा के विरोधी मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. शेषाद्रि ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर टिप्पणी की थी.
कौन हैं शेषाद्रि, इसे जानने से पहले समझिए पूरा मामला. बद्री शेषाद्रि ने मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रवैए पर सवाल उठाए थे. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि अगर इस मामले पर केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठाती है, तो वह खुद कदम उठाएंगे. सीजेआई की इस टिप्पणी पर शेषाद्रि ने कहा कि मणिपुर एक पहाड़ी राज्य है और यहां का समाज अलग प्रकार का है. शेषाद्रि के अनुसार यहां पर आपसी मारपीट और बहुत हद तक हिंसा कॉमन है और आप इसे नहीं रोक सकते हैं. शेषाद्रि ने न सिर्फ सीजेआई की टिप्पणी को गैर जरूरी बताया, बल्कि उन सबों पर भी टिप्पणी की, जिन्होंने मणिपुर मामले पर केंद्र सरकार के रूख का विरोध किया था.
अपनी आलोचना के क्रम में शेषाद्रि ने तमिल लेखकों को भी खूब खरी-खोटी सुनाई. तमिल लेखकों ने मणिपुर मामले के लिए केंद्र सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराया है. उना कहना रहा है कि राज्य और केंद्र, दोनों जगहों पर एक ही पार्टी की सरकार है, फिर भी वे हिंसा नहीं रोक पा रहे हैं.
शेषाद्रि अपना यूट्यूब चैनल चलाते हैं. उनका पब्लिकेशंस है. इसका नाम किझक्कू पथिप्पगम है. पिछले साल डीएमके सरकार ने उन्हें तमिल इंटरनेट एजुकेशन काउंसिल की एडवायजरी काउंसल निकाल दिया था. उन्हें तब निकाला गया, जब शेषाद्रि ने डीएमके संस्थापक सीएन अन्नादुरई के खिलाफ टिप्पणी की थी. बद्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153ए और 505बी लगाई गई है. उन पर दंगा भड़काने और वैमनस्य बढ़ाने के आरोप लगाए गए हैं. शेषाद्रि के खिलाफ कवियसुरु नाम के एक वकील ने शिकायत की है.