इंफाल : पत्रकार से नेता बने मुख्यमंत्री नोंगथोम्बम बीरेन सिंह राजनीति में कदम रखने के ठीक 20 साल बाद मणिपुर में भाजपा की अगुवाई में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं. वह फुटबॉल खिलाड़ी भी रहे हैं. पिछले पांच साल के कार्यकाल में उग्रवाद प्रभावित मणिपुर में शांति लाने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र एवं घाटी के लोगों के बीच की दरार को कम करने का श्रेय 61 वर्षीय मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को जाता है.
सिंह द्वारा की गईं कई पहल जैसे गो टू हिल्स, हिल लीडर्स डे और मियाम्गी नुमित के जरिए दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों तक अपनी दिक्कतें बताना आसान हो पाया.
अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 2002 में डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी से करने वाले सिंह राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. हालांकि, पहला चुनाव जीतने के बाद सिंह वर्ष 2003 में कांग्रेस में शामिल हो गए और तत्कालीन मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री रहे.
वह लगातार इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने रहे और वर्ष 2007 में अपनी सीट से दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्हें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, युवा मामले एवं खेल और उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया.