नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारत और कनाडा में विवाद गहराता जा रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है. इस पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है. इसके साथ-साथ भारत सरकार ने कनाडाई राजनयिक को पहले तलब किया उसके बाद उसे देश से निष्काषित कर दिया. इसी सिलसिले में जिस खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर हायतौबा मची है, वह कौन है और वह कैसे कनाडा पहुंचा.
निज्जर को कहा जाता है खालिस्तानी आतंकी
जानकारी के मुताबिक खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के भरसिंह पुरा गांव का रहने वाला था और वह 1996 में कनाडा चला गया था. कनाडा जाने के बाद उसने वहां पर प्लंबर के तौर पर काम किया. अचानक से हरदीप सिंह निज्जर की खालिस्तान समर्थक कार्यक्रमों में संलिप्त्ता बढ़ गई. वहीं, उसकी संपत्ति में भी लगातार इजाफा होने लगा. कनाडा की नागरिकता मिलने के बाद निज्जर ने वहां शादी भी रचा ली थी. सूत्रों से पता चलता है कि चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस से संबंध रखने वाले निज्जर गुरपतवंत सिंह पन्नुन का उत्तराधिकारी हो गया था.
कनाडा में सिख नेता के रूप में मिली पहचान
धीरे-धीरे कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की पहचान सिख समुदाय के नेता के रूप में होने लगी. इसी सिलसिले में उसे कोलंबिया के एक गुरुद्वारे का निर्विरोध प्रमुख भी चुन लिया गया था. इसके बाद से वह कनाडा में सिख नेता के रूप में प्रसिद्ध होने लगा. उसके इरादे नेक नहीं थे. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिलकर भारत के खिलाफ साजिशों में शामिल होने लगा. निज्जर ने कनाडा में हिंदुओं के कई मंदिरों पर हमले की साजिश भी रची. आगे चलकर निज्जर ने अपना एक अलग ग्रुप बना लिया. जिसे खालिस्तान टाइगर फोर्स नाम दिया. इस संगठन के जरिए वह लोगों को शामिल करता और आतंकी हमलों के लिए जरूरी सामान मुहैया करवाता.