नई दिल्ली:एक अमेरिकी अखबार में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश को अमेरिकी एजेंसियों की ओर से नाकाम करने की खबर के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू चर्चा में आ गया है. इससे पहले हाल ही में आतंकी पन्नू ने एयर इंडिया के यात्रियों को 'धमकी' देने के मामले में सुर्खियां बटोरी थी. अमेरिकी अखबार के अनुसार, पन्नू की हत्या के लिए रची गई कथित साजिश को व्हाइट हाउस ने 'अत्यंत गंभीरता के साथ' भारतीय अधिकारियों के समक्ष उच्चतम स्तर पर उठाया है.
अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा कि हम इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने वरिष्ठतम स्तरों पर भारत सरकार के साथ इस मामले में बात की है. वाटसन के अनुसार, भारतीय समकक्षों ने इसपर खबर पर आश्चर्य और चिंता व्यक्त की है.
इस बीच, भारतीय अधिकारियों ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी पक्ष ने आतंकवादियों और संगठित अपराधियों के बारे में 'कुछ इनपुट साझा' किए हैं, जो दोनों देशों के लिए 'चिंता का कारण' हैं. भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि हम इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करेंगे. खालिस्तानी नेता को लेकर अमेरिका और भारत के बीच घटनाओं का यह विकास ऐसे समय में सामने आया है जब करीब दो महीने पहले कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक अन्य सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका होने का आरोप लगाया था.
सूत्रों के हवाले से फाइनेंशियल टाइम्स ने एक खबर प्रकाशित की है. जिसके अनुसार, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने साजिश के कम से कम एक कथित अपराधी के खिलाफ एक सीलबंद अभियोग भी दायर किया है. मामले से परिचित एक व्यक्ति के हवाले से खबर में बताया गया है कि इस मामले में आरोपित एक व्यक्ति अमेरिका छोड़ चुका है.
पन्नू ने गुरुवार को ब्लूमबर्ग को भेजे एक संदेश में कहा कि अलग खालिस्तान के लिए अमेरिका में जनमत संग्रह जनवरी 2024 में आयोजित होगा. उसने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि जनमत संग्रह शुरू होने से पहले भारत सरकार उसकी हत्या करना चाहती है. उसने दावा किया कि भारत का अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद अमेरिका की संप्रभुता के लिए सीधी चुनौती बन गया है.
कौन हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू -