नई दिल्ली:खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने आज सुबह पंजाब के मोगा में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. 18 मार्च से अमृतपाल फरार चल रहा था. अमृतपाल ने करीब पांच महीने पहले 'वारिस पंजाब दे' संगठन की कमान संभाली थी. उसके बाद से ही अमृतपाल लगातार सुर्खियों में चल रहा है. अमृतपाल ने 5 महीने में सरकार को तीन बार चेतावनी दी थी, जिसके बाद से वह सिख युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुबई से लौटे अमृतपाल को 29 सितंबर, 2022 में 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया, जिसके बाद अमृतपाल ने हजारों की भीड़ के सामने अलग खालिस्तान की मांग की हुंकार भरी थी. इसके बाद अमृतपाल ने रैली की. रैली के दौरान अमृतपाल ने कहा था कि वो किसी भी कीमत पर सिख समुदाय को स्वतंत्रता दिलाएगा. उसने जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना प्रेरणास्रोत बताया था. अमृतपाल ने सिखों के सामने कहा था कि अभी हम गुलाम हैं, जब तक खालिस्तान नहीं ले लेंगे, तबतक हमें आजादी नहीं मिलेगी.
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पांच महीने में सरकार को तीन बार दी चेतावनी
पहली चेतावनी-अमृतपाल सिंह ने सरकार को पहली चेतावनी29 सितंबर, 2022को दी थी. इस दौरान अमृतपाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार पंजाब में सिखों को पछाड़ने के लिए यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों को आगे कर रही है. दिल्ली की हुकूमत अपने इरादों में कामयाब नहीं होगी. अमृतपाल ने कहा कि 'पंजाब आजाद होकर रहेगा'.