नई दिल्ली :विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता का आह्वान किया (mental health care). नवीनतम राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 14 प्रतिशत वयस्क मानसिक विकार से पीड़ित हैं. इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्स (टेली-मानस) पहल शुरू की है.
टेली-मानस की शुरुआत :केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NTMHP) की घोषणा की. Tele-MANAS का उद्देश्य पूरे देश में चौबीसों घंटे मुफ्त टेलीमेंटल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, विशेष रूप से दूरस्थ या कम सेवा वाले क्षेत्रों में. कार्यक्रम में 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्र का एक नेटवर्क शामिल है, जिसमें निमहंस नोडल केंद्र है और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-बैंगलोर (आईआईआईटीबी) प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करता है.
एक अनुमान के मुताबिक देश में लगभग 56 मिलियन व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या अवसाद से पीड़ित हैं. सभी क्षेत्रों के लोग मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के शिकार हो जाते हैं. चाहे सरकारी क्षेत्र से जुड़े हों या निजी क्षेत्र में, मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों से प्रभावित हो सकते हैं. इस मामले के बारे में बात करते हुए, Makemyhouse.com की मानव संसाधन प्रमुख, अलीफिया जौहर (Alifiya Johar) ने कहा कि कोविड -19 के दौरान लोग ज्यादातर प्रभावित हुए थे.
उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं कार्यस्थल पर अनुपस्थिति को बढ़ा सकती हैं और इसका असर काम पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि 'कर्मचारियों से ही कंपनी चलती है इसलिए हर कंपनी को एक जन केंद्रित संस्कृति का निर्माण करना चाहिए जो खुले संवाद और विचारों को साझा करने में मदद करे.'