दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा- अनुच्छेद 370 स्थायी है या नहीं यह बहस का विषय - Abrogation of Article 370 hearing in Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 ने एक स्थायी विशेषता हासिल कर ली है या नहीं यह सुनवाई में विवाद का प्राथमिक बिंदु होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 3, 2023, 1:29 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 1:57 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने स्थायी रूप धारण कर लिया या नहीं यह बहस का विषय है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों वाली पीठ जिसमें न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत शामिल हैं, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. अनुच्छेद 370 के कारण पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था.

सुनवाई के दूसरे दिन, न्यायमूर्ति कौल ने सिब्बल से सवाल किया कि एक दलील है कि अनुच्छेद 370 ने संविधान की स्थायी विशेषता हासिल कर ली है जो एक बहस का मुद्दा है… अगला यह है कि मान लीजिए कि यह स्थायी नहीं है तो अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का तरीका क्या है... उसके लिए प्रक्रिया क्या हो सकती है. ये केवल दो मुद्दे हैं… सिब्बल ने कहा कि मैं कोशिश करूंगा और आपको समझाऊंगा कि यह स्थायी है. सिब्बल ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह बहस योग्य है.

कौल ने कहा कि बहस का मतलब है कि दोनों पक्ष मामले पर बहस करेंगे और इस बात पर भी बहस होगी कि हटाने के लिए सही प्रक्रिया क्या है और उसका पालन किया गया है या नहीं. सिब्बल ने इसपर सहमति जताते हुए कहा कि अदालत को जम्मू-कश्मीर के संविधान को देखना होगा. उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर के संविधान को 1957 में बनाया गया और उसी साल उसे मंजूरी मिली. सिब्बल ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान के मुताबिक समवर्ती सूची के किसी भी प्रावधान को यदि जम्मू-कश्मीर पर लागू किया जाता है तो राज्य के साथ सहमति और परामर्श की आवश्यकता होगी.

पढ़ें : Article 370 पर सुनवाई, सिब्बल बोले- जम्मू-कश्मीर का भारत में एकीकरण निर्विवाद था...है और हमेशा रहेगा

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सिब्बल सही कह रहे हैं कि संविधान के प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में चुनिंदा तरीके से लागू करने की संवैधानिक प्रथा अपनाई गई है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने आगे बताया कि ऐसा कभी नहीं माना गया कि सभी प्रावधान लागू होंगे और अदालत को कानून के इस पहलू पर भारत के अटॉर्नी जनरल को सुनने की जरूरत है.

(मामले में सुनवाई अभी जारी है)

Last Updated : Aug 3, 2023, 1:57 PM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details