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2022 के विधानसभा चुनाव में सिद्धू कहां से लगाएंगे सियासी 'सिक्स'? - Punjab Chief Bhagwant Mann

2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. पंजाब में सभी पार्टियां अभी से रणनीति तय करने में जुटी हैं. कांग्रेस में कैप्टन और सिद्धू में मतभेद के बीच अरविंद केजरीवाल के सीएम के लिए सिख चेहरा देने वाले बयान से सियासत और तेज हो गई है. पंजाब की राजनीति पर खास खबर.

सिद्धू
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Published : Jul 13, 2021, 10:10 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 10:19 PM IST

चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने पंजाब के मुख्यमंत्री (CM Punjab) के लिए सिख चेहरा देने का एलान किया. जिसके बाद कांग्रेस में जगजाहिर कैप्टन और सिद्धू के बीच कलह कम होने के आसार नहीं हैं. 'आप' ने सिख चेहरे का एलान क्या किया, सिद्धू आम आदमी पार्टी की शान में कसीदे पढ़ने लगे. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि 2022 के विधानसभा में सिद्धू किस पार्टी से 'सिक्स' लगाएंगे.

सिद्धू के बदले तेवर
नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) ने ट्वीट किया कि 'आम आदमी पार्टी ने हमेशा मेरे विजन को मान्यता दी है और पंजाब के लिए काम किया है. चाहे नशा खत्म करने की बात हो, किसानों के मुद्दे, भष्टाचार या बिजली संकट खत्म करना.' सिद्धू ने कहा कि 'आज जब मैं पंजाब माडल पेश कर रहा हूं तो यह स्पष्ट है कि ऊपर वाला जानता है कि वास्तव में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है.'

पार्टी फंड पर मान का तंज

सुनिए भगवंत मान क्या बोले
पंजाब में बिजली का मुद्दा काफ़ी गर्माया हुआ है. पंजाब की कांग्रेस सरकार को विरोधी पार्टियां घेर रही हैं. बीते दिन 'आप' के पंजाब प्रधान भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्राइवेट बिजली कंपनियों के लिए करोड़ों रुपये फंड पर टवीट करें. सिद्धू का ट्वीट मान के बयान का जवाब बताया जा रहा है. कई नेताओं ने सिद्धू को घेरा
चरणजीत सिंह
सिद्धू के बयान के बाद कई पार्टियों के बयान सामने आए. अकाली नेता चरणजीत सिंह (Akali leader Charanjit Singh) ने कहा कि सिद्धू अब कांग्रेस की डूबती नैय्या से छलांग मार कर भागने की कोशिश कर रहे हैं. सिद्धू इस तरह पार्टियां बदल रहे हैं जिस तरह हर रोज़ कपड़े बदलते हैं. दूसरी तरफ़ कांग्रेस विधायक राज कुमार वेरका (Raj Kumar Verka) ने दावा किया है कि सिद्धू के ट्वीट को कांग्रेस में दुविधा पैदा करने की नज़र के साथ देखा जा रहा है, जबकि सिद्धू की ऐसी कोई मंशा नहीं है. भाजपा नेता राजेश बाघा ने कहा कि सिद्धू की तरफ से पार्टियां बदलना कोई नई बात नहीं. उन्होंने कहा कि पहले भाजपा उनके लिए 'मां' पार्टी थी फिर कांग्रेस और अब वह आप को अपनी 'मां' पार्टी कहेंगे.

ट्वीट पर सियासत गहराई

संगरूर से सांसद (MP from Sangrur) और आप के पंजाब प्रधान भगवंत मान (Punjab Chief Bhagwant Mann) ने सिद्धू पर पलटवार करते हुए कहा कि उनको मीडिया ने चार-पांच बार कांग्रेस पार्टी में प्रधान और डिप्टी सीएम तक बना दिया है. हालांकि उन्होंने सिद्धू को यही कहा था कि चाहे कम शब्दों का ट्वीट करें लेकिन इस मुद्दे पर ट्वीट करें. मान से पूछा गया कि 'आप' और सिद्धू का विजन एक है तो इकट्ठे क्यों नहीं हो जाते? उन्होंने प्रतिक्रिया दी कि सिद्धू किसी भी पार्टी में रहें लेकिन वह पंजाब की बात करते रहें अगर उनकी पार्टी में भी कोई कमी है तो उसको भी उजागर करते रहें.

पार्टी फंड लेकर लेकर प्रदेश के हित न बेचें दल : ढींडसा

परमिंदर सिंह
पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि मान ही अपने ट्वीट का मतलब बता सकते हैं. साथ ही कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को ऐसी कंपनियों से पार्टी फंड नहीं लेने चाहिए क्योंकि यह कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट है. इस मामले में चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करना चाहिए. जब 'ईटीवी भारत' ने सवाल किया कि आपकी राजनीतिक पार्टी मुद्दा चुनाव आयोग के सामने उठाएगी?

उन्होंने कहा कि वह मामला आयोग में ले जाएंगे. साथ ही कहा कि वह मान की बात से सहमत हैं हालांकि अकाली दल में रहते हुए उनको या किसी विधायक को भी नहीं पता कि कौन सी कंपनी ने कितना फंड दिया है. यह सब सुखबीर सिंह बादल को ही मालूम होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को पार्टी फंड लेकर प्रदेश के हित नहीं बेचने चाहिए.
आप के पास मुद्दा नहीं : चीमा

नवतेज चीमा

हालांकि सिद्धू का बचाव करते हुए सुल्तानपुर लोधी से कांग्रेस के विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा कि 'आप' के पास कोई मुद्दा ही नहीं है. वही बात सिद्धू ने ट्वीट में लिखी कि जो मुद्दे वह उठाते हैं उनकी तारीफ आम आदमी पार्टी करती है और 'आप' के विधायक हर रोज बेमतलब की प्रेस वार्ता करते हैं जबकि उनके पास कोई असल मुद्दा नहीं है. वहीं, अकाली दल के चरनजीत सिंह बराड़ ने कहा कि सिद्धू पहले भाजपा में थे अब कांग्रेस में और अब कांग्रेस की डूबती नैय्या से भागने की तैयारी कर रहे हैं.

ये दो बड़े सवाल : कब खत्म होगी कांग्रेस में कलह

इस सब के बीच बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस में कलह कब खत्म होगी. कांग्रेस हाईकमान के लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का क्लेश बड़ी चुनौती है. यही वजह है कि पंजाब कांग्रेस को ले कर दिल्ली में बड़ी बैठक हो रही है. बैठक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और राहुल गांधी के बीच है, जिस में प्रियंका गांधी भी शामिल हैं.

कौन होगा 'आप' का सीएम चेहरा?

सिद्धू के ट्वीट के बाद यह अनुमान लगाए जा रहे हैं कि वह आप में शामिल हो सकते हैं. केजरीवाल की तरफ से कहा गया सिख चेहरा नवजोत सिंह सिद्धू के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन सवाल यह बनता है कि आप में एक और सिख चेहरा भगवंत मान भी हैं. जिसके बाद राजनीति और भी ज़्यादा गर्माती नज़र आ रही है.

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Last Updated : Jul 13, 2021, 10:19 PM IST

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