नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है भारत आत्मनिर्भर बने. वह चाहते हैं कि कोविड संकट के बाद निर्माण के क्षेत्र में भारत सुपर पावर के तौर पर उभरे. इसलिए उन्होंने 'मन की बात' कार्यक्रम में 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को फिर से दोहराया है. पीएम ने सभी देशवासियों से नए साल पर संकल्प लेने को कहा है कि वे देशी उत्पाद की खरीद को बढ़ावा जरूर देंगे.
उन्होंने भारतीय उद्योगपतियों और विनिर्माणकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैमाने को पूरा करने की सलाह दी है. इन सपनों को पूरा करने के लिए पीएम ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को भी अहम भूमिका निभाने की अपील की. कोरोना वायरस के बाद जो नई परिस्थितियां उभरी हैं, हर भारतीय इन सपनों को पूरा करने के लिए तैयार है. वे चाहते हैं कि भारत में बने सामानों को खरीदकर यहां के उद्योगों में जान डालें. लेकिन यह सरकार की भी जवाबदेही है कि ये उत्पाद हर भारतीय तक उचित दाम में उपलब्ध हो.
सरकार करेगी पूरी मदद
छोटे संस्थानों का कहना है कि उन्हें अग्रिम भुगतान करने पर ही कच्चा माल मिल पाता है. ऊपर से परिवहन की लागत अलग से लगती है. इन्हें सरकार से आर्थिक सहायता का इंतजार है. उद्योगों में जान तभी डाली जा सकती है, जब छोटे उद्योगों को सरकार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए. इसी साल फरवरी में टेलीविजन और महंगे फर्नीचर के आयात पर पाबंदियां लगाने का प्रस्ताव आया था. ये सब अत्यावश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल नहीं हैं. इस कदम से स्वदेशी को बढ़ावा मिलता. सरकार ने केंद्रीय कल्याण भंडार स्टोर से 1000 विदेशी उत्पादों को सूची से बाहर कर दिया.