नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई है. वह अब सांसद नहीं हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि राहुल गांधी इंदिरा गांधी की तरह लौटेंगे. आइए जानते हैं दरअसल उस समय ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से लोग उस पीरियड को याद करने लगे हैं. क्या था इंदिरा गांधी का मामला. पढ़ें पूरी खबर.
इमरजेंसी (1975-77) के बाद कांग्रेस पार्टी की बुरी हार हुई थी. केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी थी. उस सरकार का नेतृत्व मोरारजी देसाई कर रहे थे. इंदिरा गांधी भी चुनाव हार गई थीं. लेकिन बाद में इंदिरा गांधी ने कर्नाटक के चिकमंगलूर से लोकसभा का उपचुनाव लड़ा. वह चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच गईं. उस समय मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे. उनके और इंदिरा गांधी के बीच राजनीतिक तनातनी पहले से ही चल रही थी.
18 नवंबर 1978 को इंदिरा गांधी लोकसभा पहुंची. उसी दिन मोरारजी देसाई ने एक प्रस्ताव पेश किया. इसमें उन्होंने इंदिरा गांधी पर सरकारी अफसरों को अपमानित करने और अपने पद के दुरुपयोग का जिक्र किया था. सभी आरोप इमरजेंसी के दौरान के थे. इस प्रस्ताव पर लोकसभा में बहस हुई. इसके बाद एक विशेषाधिकार समिति बनाई गई. जैसा कि तय था, समिति ने इंदिरा गांधी को दोषी ठहरा दिया.