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गेहूं की खरीद 18.7 मिलियन टन, मूल लक्ष्य से 57% कम

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Published : Jun 15, 2022, 10:55 AM IST

Updated : Jun 15, 2022, 12:04 PM IST

केंद्र सरकार ने इस सीजन के लिए 44 मिलियन टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था. मार्च में अत्यधिक गर्मी से गेहूं की पैदावार प्रभावित होने के कारण लक्ष्य को घटाकर 19.5 मिलियन टन कर दिया था. वास्तविक खरीद संशोधित लक्ष्य से भी कम रहने की संभावना है.

गेहूं की खरीद , wheat procurement target in india
गेहूं की खरीद , wheat procurement target in india

नई दिल्ली:सरकार द्वारा गेहूं की खरीद इस सीजन में वास्तविक लक्ष्य से 57.5% कम है, क्योंकि प्राइवेट खरीदारी अधिक होने के साथ-साथ फसल की पैदावार में भी गिरावट आई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने सीजन के लिए खरीद समाप्त होने से एक दिन पहले मंगलवार तक 18.7 मिलियन टन गेहूं का अधिग्रहण किया. अधिकारी ने बताया कि खरीद सीजन आज यानी बुधवार जून 15 को खत्म हो जाएगा. हालांकि खरीद सीजन उत्तराखंड में कुछ और समय तक जारी रहेगा, भले ही उस राज्य में शायद ही कोई गेहूं आ रहा हो. सरकार ने इस सीजन के लिए 44 मिलियन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में घटाकर 19.5 मिलियन कर दिया था. मार्च में अत्यधिक गर्मी के कारण पैदावार प्रभावित होने की आशंका के कारण लक्ष्य को घटाकर 19.5 मिलियन टन कर दिया गया था. अंतिम खरीद संशोधित लक्ष्य से भी कम रहने की संभावना है.

यह केंद्र द्वारा पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से गेहूं खरीद के लिए जल्दी बंद होने की तारीखों को खरीद जारी रखने के बावजूद है. सरकार ने अनाज की गुणवत्ता के मानदंडों में भी ढील दी थी, जिसे उचित और औसत गुणवत्ता के रूप में जाना जाता है, जिससे एफसीआई को बिना किसी कटौती के 18% तक सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की खरीद करने की अनुमति मिली है. कई गेहूं उत्पादक राज्यों में भीषण लू से हुए व्यापक फसल क्षति के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,015 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई है.

सरकार ने पिछले महीने सरकार-से-सरकार के अनुरोधों को छोड़कर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था ताकि बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके. साथ ही फसलों की कीमत में गिरावट के बाद खरीद को फिर से शुरू किया जा सके. इसी कारणवश कई राज्यों में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों के लिए चावल के साथ गेहूं को भी प्रतिस्थापित किया. योजना के तहत गेहूं का आवंटन 18.2 मिलियन टन से घटाकर 7.1 मिलियन टन कर दिया गया है, जबकि चावल का आवंटन 21.6 मिलियन टन से बढ़ाकर 32.7 मिलियन टन कर दिया गया है. सरकार को अगले साल अप्रैल तक लगभग 32 मिलियन टन गेहूं PMGKAY और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) की आवश्यकता पड़ेगी.

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Last Updated : Jun 15, 2022, 12:04 PM IST

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