WhatsApp DP Gang In Chhattisgarh: सावधान WhatsApp DP गैंग की आपकी कमाई पर नजर, ऐसे बनाते हैं लोगों को ठगी का शिकार !
WhatsApp DP Gang In Chhattisgarh: व्हाट्सएप में फर्जी डीपी लगाकर देश में करोड़ों की ठगी करने वाला गैंग बेनकाब हो गया है. रायपुर पुलिस ने नोएडा और कुशीनगर से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
रायपुर: व्हाट्सएप में फर्जी डीपी लगाकर करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश रायपुर पुलिस ने किया है. यूपी पुलिस ने बुधवार को यूपी के नोएडा से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह बड़े बड़े कंपनियों के डायरेक्टर और मालिकों की फोटो का इस्तेमाल कर बिजनेसमैन को चूना लगाते थे. ये लोग बड़े बड़े उद्योगपतियों और बिजनेसमैन की फोटो लगाकर छोटे व्यापरियों और बिजनेसमैन को कॉल करते थे. उनसे डील के पैसे खाते में डालने को कहते थे. वह खाता फर्जी होता था. दूसरे आदमी के नाम पर होता था. इस तरह यह पैसे एकाउंट में डलवाने का काम करते थे और ठगी को अंजाम देते थे.
ऐसे देते थे ठगी की वारदात को अंजाम: रायपुर पुलिस ने बताया कि आरोपी व्हाट्सएप में फर्जी डीपी लगाकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे. अभी हाल फिलहाल में डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर की फर्जी फोटो लगाकर आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया. आरोपियों ने डीपी बदलकर दूसरे बिजनेस मैन से 55 लाख से ज्यादा की ठगी की है. आरोपियों के पास से पुलिस ने चार मोबाइल फोन, चार सिम और चेक बुक जब्त किया है. इसके साथ ही आरोपियों के बैंक खाते में बचे चार लाख रुपये को पुलिस ने होल्ड कराया है.
"पीड़ित सतीश कुमार सरावगी ने थाना तेलीबांधा में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि वह डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड में सीएफओ के पद पर तैनात है. पीड़ित को संस्था की ओर से आधिकारिक रूप से बैंक खातों के संचालन के लिए जिम्मेदारी दी गई थी. 14 सितंबर 2023 को प्रार्थी के व्हाट्सएप मोबाइल नंबर पर एक अनजान मैसेज आया. जिसमें पीड़ित के कंपनी के डायरेक्टर दिनेश कुमार पटेल की फोटो लगी हुई थी. मैसेज में पीड़ित को 25 लाख 90 हज़ार 609 रुपये अमन कुमार शर्मा को देने की बात कही गई थी. इसके बाद सतीश कुमार सरावगी ने बैंक खाते में आरटीजीएस से पैसे जमा कराए. इसके बाद उसी दिन दोबारा फिर से दूसरे व्यक्ति के खाते पर 29 लाख 64 हज़ार 702 रुपए जमा करने के लिए कहा गया था. लेकिन जब मालिक के बैंक खातों की जानकारी बैंक में ली गई. तो पता चला कि रकम जमा नहीं हुआ है. इस तरह ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया": पीतांबर पटेल, एडिशनल एसपी , रायपुर
मालिक ने नहीं किया था कोई मैसेज: बाद में जब पुलिस जांच की गई तो पता चला कि मालिक ने किसी तरह का कोई मैसेज नहीं किया था. उसके बाद ठगी का पूरा खेल खुल गया. पीड़ित सतीश कुमार सरावगी ने रायपुर पुलिस में केस दर्ज कराया और फिर रायपुर पुलिस ने इसकी जांच शुरू की.
यूपी से चार आरोपियों की गिरफ्तारी: रायपुर पुलिस ने आरोपियों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. दो आरोपियों की गिरफ्तारी नोएडा और दो की गिरफ्तारी कुशीनगर से हुई है. इनके गैंग में कुल 6 लोग थे. जिनमें चार लोग रायपुर पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. पुलिस ने बताया कि इनमें से कई लोग बिहार के रहने वाले भी हैं. ठगी के इस मामले में आरोपी बिलाल अंसारी और फैयाज अंसारी को पूर्व में मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.