पटना :बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगाया गया है. मतलब साफ है कि मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ने वाली है. हालांकि सबके मन में एक सवाल उठता है कि आखिर यह NSA है क्या? इसको लगाने से क्या होता है? इसको किस परिस्थिति में लगाया जाता है? आइये आपको सरल शब्दों आपके मन में उठ रहे तमाम सवालों को समझाते हैं.
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NSA क्या है और कब इसे लागू किया गया? :राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 23 सितंबर 1980 को लागू हुआ था. इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान यह अस्तित्व में आया था. इसके तहत राज्य और केन्द्र सरकार को यह अधिकार होता है कि वो किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रख सकती है. अगर सरकार को लगता है कि वह व्यक्ति कानून व्यवस्था को सूचारू रूप से चलाने में बाधा उत्पन्न कर रहा है या कर सकता है तो उसपर रासुका यानी NSA लगा सकती है.
NSA लगाने से क्या होता है? :अब सवाल उठता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाने से क्या होता है. भारतीय कानून के अनुसार, पुलिस हिरासत में रहने पर किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश करना जरूरी होता है, लेकिन एनएसए लगने पर ऐसा नहीं है. इस कानून के तहत 1 वर्ष तक उसे बिना किसी आरोप के भी हिरासत में रखा जा सकता है.
यही नहीं विशेष परिस्थितियों में 10-12 दिनों तक व्यक्ति को यह भी नहीं बताया जाता है, कि उस पर क्या आरोप हैं. जिस व्यक्ति को NSA के तहत हिरासत में लिया जाता है, वह जमानत याचिका भी दाखिल नहीं कर सकता है. अगर कोई व्यक्ति पुलिस हिरासत में है, तो भी DM उस पर NSA लगाने का आदेश दे सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति जमानत पर चल है, उसके खिलाफ भी NSA लगाया जा सकता है. अगर किसी भी व्यक्ति को केस से बरी भी कर दिया गया है, उस पर भी रासुका लगाया जा सकता है.
मनीष कश्यप पर लगा NSA : कई मामलों को झेल रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप फिलहाल तमिलनाडु जेल में बंद है. फर्जी वीडियो मामले में उसपर बिहार और तमिलनाडु में कई मुकदमें दर्ज हैं. इसी बीच उसपर तमिलनाडु में रासुका लगा दिया गया है, जिससे मुश्किलें और बढ़ने वाली है. बुधवार को उसे मदुरई कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उसे 19 अप्रैल तक जेल हिरासत में भेज दिया गया है.
मनीष कश्यप पर कितने मामले दर्ज : मनीष कश्यप पर बिहार और तमिलनाडु में फिलहाल 14-14 मामले दर्ज हैं. यही नहीं बिहार की आर्थिक अपराध ईकाई यानी EOU ने उसपर चार मामले दर्ज किए हैं. उसके बैंक अकाउंट को भी फ्रीज किया गया है. ऐसे में NSA लगाना उसकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है.
मनीष ने थाने में किया था सरेंडर :तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर तथाकथित हमले का फर्जी वीडियो यूट्यूब पर चलाने को लेकर मनीष कश्यप पर शिकंजा कसा गया था. वह लगातार फरार चल रहा था. इसी बीच गत 18 मार्च को सुबह-सुबह वह पश्चिम चंपारण के जगदीशपुर थाने में सरेंडर किया था. जब पुलिस उसके घर कुर्की के लिए पहुंची थी तो उसने सरेंडर किया था. इसके बाद उसे पटना लाया गया था. वहां पर उससे पूछताछ की गयी थी. बाद में उसे ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु भेजा गया था.