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जानिए क्या है लोन वर्राटू अभियान, जिसके तहत 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) में लोन वर्राटू अभियान (Lone Verratu Campaign) के तहत लगातार नक्सली आत्मसमर्पण (Naxal surrender) कर रहे हैं. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक जिले में 117 इनामी सहित 454 नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन (Police administration) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. शनिवार को इस अभियान के तहत 14 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं.

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Published : Oct 30, 2021, 9:30 PM IST

दंतेवाड़ाःछत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada)जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान(Lone Verratu Campaign) से प्रभावित होकर 14 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (Naxal surrender)कर दिया है. दरअसल, पुलिस प्रशासन (Police administration) द्वारा लगातार भटके नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए गांव-गांव में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत अभियान चला रही है. साथ ही गांव के सरपंच सचिव और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से नक्सलियों को जागरुक किया जा रहा है. जिसका परिणाम है कि आज अंदरूनी क्षेत्र के अधिकांश नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.

लोन वर्राटू अभियान.

क्या है लोन वर्राटू अभियान

लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने पुलिस ने आत्मसमर्पण के फायदे के बैनर पोस्टर के साथ ही नक्सलियों के नामों की लिस्ट भी जिले के हर गांव पंचायत में लगाई है. ग्रामीण अपने परिवार के वे लोग जो नक्सल संगठन से जुड़े हैं उनको वापस मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुलिस के पास ला रहे हैं. ग्रामीण भी अपने गांव के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी ग्रामीण लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

लोन वर्राटू अभियान की खास बातें

  • इस अभियान में जो भी नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, उनके लिए पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें तत्काल रोजगार की व्यवस्था कर रहा है.
  • सरेंडर नक्सलियों से बिल्डिंग, स्कूल, सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण कार्य कराया जाता है, जिसे नक्सली नुकसान पहुंचा चुके होते हैं.
  • सरेंडर नक्सली अपने गांव पंचायत के विकास कार्यों में योगदान दे रहे हैं.
  • यह अभियान फिलहाल बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में ही चलाया जा रहा है और इसकी सफलता को देखते हुए अन्य जिलों में भी इस अभियान को शुरू करने की तैयारी पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है.
  • इस अभियान के तहत सरेंडर करने वालों में एक लाख से लेकर 10 लाख के इनामी नक्सली भी शामिल हैं.
  • लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को बस्तर पुलिस अपने साथ पुलिस में भी नौकरी दे रही है और इसके लिए बकायदा उन्हें ट्रेनिंग देने के साथ ही नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं एंटी नक्सल ऑपरेशन में भी शामिल कर रही है.

पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी

वहीं, इस विषय में ईटीवी भारत को पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि जिला नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत गांव-गांव में पंपलेट के माध्यम से इनामी नक्सलियों के पोस्टर चस्पा किए गए. जिसका परिणाम है कि आज गांव के लोगों के माध्यम से नक्सली, नक्सलियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में जोड़ने की इच्छा जता रहे हैं. साथ ही गांव वालों के माध्यम से पुलिस प्रशासन से संपर्क कर आत्मसमर्पण कर रहे हैं. जिसके तहत आज 14 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है, जो जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं.

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117 इनामी नक्सलियों कर चुके हैं सरेंडर

बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक नक्सली वो भी है, जो कि सुकमा जिले के बुर्कापाल मुठभेड़ में 25 जवानों की हत्या के मामले में शामिल था. साथ ही नक्सली सन्ना मरकाम भी कि डूमाम एलओएस सदस्य के रूप में कार्य कर रहा था, जिसके ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक लाख का इनाम घोषित था, उसने भी आत्मसमर्पण किया है. वहीं, लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक जिले में 117 इनामी सहित 454 नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

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