जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे अब देश का पहला ऐसा रेलवे जोन बन गया है जो कि पूरी तरह से विद्युतीकृत जोन (इलेक्ट्रिफिकेशन) हो गया है. 2017 में करीब 3012 किलोमीटर ट्रैक को इलेक्ट्रिफिकेशन करना था जो कि 2021 में जाकर पूरा हुआ है. कोटा- चित्तौड़गढ़ के बीच 23 किलोमीटर का इलेक्ट्रिफिकेशन होते ही डब्लूसीआर का यह रिकॉर्ड बन गया है. डब्लूसीआर की इस उपलब्धि पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुशी जाहिर की है.
इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद 130 किमी प्रति घंटा हुई गति
पश्चिम मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक डीजल इंजन में ट्रेन की स्पीड काफी कम हुआ करती थी. जिसके चलते यात्रियों को सफर के दौरान ज्यादा समय व्यतीत करना पड़ता था. डीजल लोको की स्पीड जहां 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा हुआ करती थी, वह अब इलेक्ट्रिफिकेशन हो जाने के बाद 130 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो गई है. वहीं मालगाड़ी की स्पीड 30 किलोमीटर प्रति से बढ़कर 52 किलोमीटर हो गई है.
पश्चिम मध्य रेलवे के पास हैं 593 इलेक्ट्रिक लोको
वर्तमान में पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों जोन भोपाल-कोटा और जबलपुर में करीब 593 इलेक्ट्रिक लोको हैं. सभी लोको से मालगाड़ी एवं यात्री गाड़ी संचालित की जा रही हैं. पहले डीजल लोको होने से जहां इंजन बदलने में काफी समय लगता था जिसके चलते ट्रेनों की समय सारणी भी प्रभावित होती थी .वहीं अब इलेक्ट्रिक इंजन होने से परिचालन सुगम होगा. इसके साथ ही आयात होने वाले डीजल में भी कमी आएगी, इसके अलावा प्रदूषण भी कम होगा.