केशपुर :मिदनापुर के एक युवक की कहानी समाज को शर्मसार करने वाली है. यहां केशपुर के युवक को पांच साल तक दुष्कर्म के झूठे आरोप में बदनामी झेलनी पड़ी. यहां तक कि उसे आरोप लगाने वाली गर्भवती नाबालिग से शादी भी करनी पड़ी. अब पांच साल बाद आखिरकार अदालत के आदेश पर डीएनए जांच के बाद वह बेगुनाह साबित हुआ. डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक बच्चा उसका नहीं (false rape charge for 5 years given respite after DNA test).
इस घटना की शुरुआत 2017 में हुई जब केशपुर के आनंदपुर इलाके की रहने वाली लड़की जो तब 13 साल की थी, गर्भवती हो गई. युवती के परिजनों ने 22 वर्षीय पड़ोसी युवक पर शादी का झूठा वादा कर उसे गर्भवती करने का आरोप लगाया. युवक ने तुरंत सभी आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन पंचायत ने युवक को जबरन शादी करने के लिए मजबूर किया.
बदनामी के दाग को मिटाने के लिए युवक घर से भाग गया और झूठे आरोप में फंसाने के लिए अपनी नाबालिग पत्नी और उसके परिवार पर मिदनापुर अदालत में मुकदमा दायर किया. मामले की सुनवाई अभी जारी है, लेकिन कोर्ट के डीएनए टेस्ट के आदेश के बाद युवक को राहत दे दी गई है.
पीड़िता जिसने आरोप लगाया था वह अब 18 साल की है. कोर्ट ने डीएनए टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक युवक उस युवती के बच्चे का पिता नहीं है. इस खुलासे के बाद अदालत ने महिला और उसकी मां को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. साथ ही पुलिस को बच्चे के असली पिता का पता लगाने को कहा. लेकिन अदालत के आदेश का स्थानीय पुलिस पर कोई खास असर नहीं पड़ा. पुलिस गिरफ्तार करने से बचती रही.