कोलकाता : नारदा स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के तत्कालीन मंत्रियों की गिरफ्तारी को लेकर कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई शुरू पूरी हो गई है. फिलहाल कोर्ट ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी है. सीबीआई अब कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख करेगी.
इससे पहले सुनवाई के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी छह घंटे तक सीबीआई दफ्तर में मौजूद रहीं. बता दें कि टीएमसी नेताओं (तत्कालीन मंत्रियों) को वस्तुतः निजाम पैलेस में अदालत के समक्ष पेश किया गया था जहां मामले की सुनवाई की गई.
पश्चिम बंगाल में नारदा रिश्वत केस के सिलसिले में टीएमसी मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया. जानकारी के मुताबिक इनसे सीबीआई कार्यालय में सवाल-जवाब होंगे. टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल में भूचाल आ गया है. नेताओं के समर्थन में कार्यकर्ता प्रदर्शन करने लगे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं.
टीएमसी कार्यकर्ताओं का पथराव
सीबीआई के नारदा घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कोलकाता में सीबीआई दफ़्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, नाराज कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर पर पथराव किया है.
राज्यपाल धनखड़ ने जताया रोष
वहीं सीबीआई दफ्तर पर हुए पथराव पर रोष जाहिर करते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि वो राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान इस ओर दिलाना चाहते हैं, साथ ही कोलकाता पुलिस और राज्य पुलिस इसे बस मूकदर्शक बन देखते रहें. उन्होंने पुलिस से कानून व्यवस्था बहाल करने की गुजारिश की.
ममता बोलीं- मुझे भी गिरफ्तार करो
गिरफ्तार नेताओं के वकील अनिंदो राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई अधिकारियों को कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि स्पीकर और राज्य सरकार की अनुमति के बगैर किसी भी राज्य के अधिकारी को गिरफ्तार किया जाए. यदि आप मेरे अधिकारियों को गिरफ्तार करते हैं, तो आपको मुझे (ममता) को भी गिरफ्तार करना होगा.
जमानत पर बाहर हैं आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा
सूत्रों के अनुसार, आज दोपहर 12 बजे के करीब सीबआई की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाएगी. साथ ही निलंबित आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जा सकती है. मिर्जा को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और अब वह जमानत पर बाहर हैं.
चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल की गई
वहीं टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने इस पूरी घटना के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, 'भाजपा बंगाल चुनाव नहीं जीत पाई और इसके लिए अब वो हमारी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं.' टीएमसी ने यह भी पूछा कि नारदा स्टिंग में दिखे शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय जैसे भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल की गई.
बंगाल के मंत्री फरहाद हकीम को पूछताछ के लिए सीबीआई ने बुलाया निजाम पैलेस के बाहर जमा हो गए
टीएमसी विधायक रत्ना चटर्जी और शोवन चटर्जी की पत्नी भी सीबीआई कार्यालय निजाम पैलेस पहुंच गई हैं. गिरफ्तार नेताओं के वकील पहले ही सीबीआई कार्यालय पहुंच चुके हैं. टीएमसी के कई समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता भी निजाम पैलेस के बाहर जमा हो गए. किसी भी तरह की अवांछित घटना से बचने के लिए सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है और निजाम पैलेस के प्रवेश द्वार पर बैरिकेडिंग कर दी गई है.
शारदा चिट-फंड घोटाले के सिलसिले में छापेमारी
बता दें, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम के घर सीबीआई की छापेमारी की गई है. ये छापेमारी शारदा चिट-फंड घोटाले के सिलसिले में की गई है.
राज्यपाल ने दी सीबीआई केस चलाने की अनुमति
9 मई को राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने टीएमसी के इन चारों नेताओं के खिलाफ सीबीआई केस चलाने की इजाजत दे दी थी. पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ सालों में शारदा स्कैम और नारदा स्कैम लगातार चल रहे हैं. इन मामलों की सीबीआई जांच भी कर रही है. अलग-अलग नेताओं के नाम इन मामलों में सामने आते रहे हैं. इन नेताओं के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने को लेकर राज्यपाल से अनुमति ली गई थी.
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क्या है पूरा मामला
बता दें, नारदा न्यूज पोर्टल के संपादक और प्रबंध निदेशक सैमुअल ने 2016 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक स्टिंग वीडियो प्रसारित किया था. वीडियो में टीएमसी के सांसदों और मंत्रियों समेत टीएमसी के कई नेताओं को रुपये लेते देखा गया था.
ईडी भी कर रहा है जांच
स्टिंग ऑपरेशन के कथित वीडियो फुटेज को 2016 में विधानसभा चुनाव से पहले प्रसारित कर दिया गया. सीबीआई ने अप्रैल 2017 में कोर्ट के आदेश के बाद एक प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी में टीएमसी के लगभग 13 नेताओं के नाम थे, और उनमें से कई से पूछताछ की गई. कथित फूटेज को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच कर रहा है.