कोलकाता : पिछले साल की रामनवमी हिंसा की घटना इस साल भी लगभग दोहराई गई. गुरुवार की शाम को हावड़ा के संध्या बाजार के पास अंजनी पुत्र सेना के रामनवमी जुलूस पर एक बार फिर बम से हमला किया गया. आरोप है कि जुलूस जब संध्या बाजार पहुंचा तो जुलूस पर बीयर की बोतलें और कांच की बोतलें फेंकी गईं.
सूत्रों के मुताबिक इस घटना में 10-15 लोग घायल हो गए. घटना को लेकर अंजनी पुत्र सेना के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह आग लगाकर विरोध करना शुरू कर दिया. मार्च के आयोजकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका डंडों से पीछा किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. उनका आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण जुलूस पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
पिछले साल की तरह इस साल भी हावड़ा के शिबपुर में रामनवमी के जुलूस पर पूरे इलाके में हिंसक रूप देखने को मिला. कई लोगों के सिर फूट गए, कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और पूरी रामनवमी का जुलूस इस हिंसा की भेंट चढ़ गया.
अंजनी पुत्र सेना के संस्थापक सचिव सुरेंद्र बाबा ने शिकायत की कि प्रशासन की सुविधा के लिए गुरुवार को अंजनी पुत्र सेना, विश्व हिंदू परिषद और 42 संगठनों ने मिलकर यह जुलूस निकाला.
शांतिपूर्ण जुलूस निकालने की अनुमति के लिए पुलिस प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया गया था. हालांकि पिछले साल की तरह इस बार भी जुलूस पर संध्या बाजार इलाके में घुसने के बाद ही हमला किया गया. उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो रमजान और ईद में भी जुलूसों पर रोक लगा दी जाएगी.
एक कार्यकर्ता ने कहा, 'पुलिस और प्रशासन हमारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.' कार्यकर्ता ने सवाल किया कि यदि हिन्दू शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे तो हमलावरों को क्या समस्या थी.