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Bengal News : पद्म भूषण से सम्मानित जाने-माने भौतिकशास्त्री बिकास सिन्हा का निधन - बिकास सिन्हा का निधन

साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान (एसआईएनपी) और परिवर्तित ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केंद्र (वीईसीसी) के पूर्व निदेशक एवं जाने-माने भौतिकशास्त्री बिकास सिन्हा का कोलकाता में निधन हो गया. उन्हें वर्ष 2010 में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था.

scientist Bikash Sinha dies
बिकास सिन्हा का कोलकाता में निधन

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Published : Aug 11, 2023, 10:18 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 10:24 PM IST

कोलकाता: पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित फिजिक्स रिसर्चर और एटॉमिक साइंटिस्ट बिकास सिन्हा का शुक्रवार सुबह कोलकाता में उनके मिंटो पार्क आवास पर निधन हो गया. इसकी जानकारी उनके पारिवारिक सूत्रों ने दी है. वह 78 वर्ष के थे.सिन्हा काफी समय से बीमार थे. वह काफी समय से बुढ़ापे की समस्याओं से जूझ रहे थे. पता चला है कि पिछले कुछ दिनों से उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था.

ममता ने जताया शोक :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है. तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने कहा, 'महान वैज्ञानिक बिकास सिन्हा के असामयिक निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. बंगाल के एक शानदार बेटे, इस प्रतिभाशाली परमाणु भौतिक विज्ञानी ने न केवल ज्ञान की दुनिया में बल्कि चल रहे सार्वजनिक जीवन में भी अपने योगदान से हमें गौरवान्वित किया. हमने उन्हें 2022 में अपना सर्वोच्च राज्य पुरस्कार 'बंगा विभूषण' प्रदान किया. मंच पर उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति ने हमें प्रेरित किया. हमने उन्हें 2022 में 'रवींद्र स्मृति पुरस्कार' भी दिया है. मैं उनके परिवार, दोस्तों, छात्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं.'

बिकास सिन्हा का जन्म 1945 में कंडी, मुर्शिदाबाद में हुआ था. स्कॉटिश चर्च कॉलेजिएट स्कूल, कोलकाता से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज (अब प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी) से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया. यहीं से भौतिकी और परमाणु विज्ञान में रुचि शुरू हुई. लंबे समय तक उन्होंने भारत के परमाणु परीक्षण से लेकर क्वांटम भौतिकी तक कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भाग लिया.

वह भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर से भी जुड़े थे. प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिन्हा ने कैम्ब्रिज और लंदन विश्वविद्यालयों में शोध किया. भौतिकी में उनके उत्कृष्ट शोध के सम्मान में उन्हें 1989 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फेलो के रूप में चुना गया था.

2005 में, बिकास सिन्हा को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था. 2009 में उन्हें दूसरी बार नामांकित किया गया. इसके बाद 2010 में इस भारतीय और बंगाली वैज्ञानिक को तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.

उन्हें 2001 में डॉ राजा रमन्ना पुरस्कार, पांडा एंडोमेंट व्याख्यान पुरस्कार और रईस अहमद मेमोरियल व्याख्यान पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. वह विश्वभारती विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के सदस्य थे और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के सीनेट के सदस्य बने.

हाल ही में, सिन्हा को यूके के इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स का फेलो चुना गया. इन नियमित कर्तव्यों के अलावा, उन्होंने फरवरी-दिसंबर 2003 तक पश्चिम बंगाल प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति और भारत सरकार के मंत्रिमंडल की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया. सिन्हा को भौतिकी में उत्कृष्टता के लिए 2002 आरडी बिड़ला पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

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